प्रधानमंत्री ने की ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ’ पद सृजित करने की घोषणा

73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छोटा परिवार रखना भी देशभक्ति है.

/
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: एएनआई)

73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छोटा परिवार रखना भी देशभक्ति है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: एएनआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: एएनआई)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेना के तीन अंगों के प्रमुख के तौर पर ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ’ (सीडीएस) का पद सृजित किया जाएगा.

मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में यह महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने कहा कि सीडीएस सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल सुनिश्चित करेगा और उन्हें प्रभावी नेतृत्व देगा.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार ने फैसला किया है कि अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ का पद सृजित होगा.’

1999 में हुए कारगिल युद्ध के बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था में कमियों का पता लगाने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की नियुक्ति की पैरवी की थी.

राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में जरूरी सुधारों का विश्लेषण कर रहे एक मंत्री समूह ने भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की नियुक्ति की पैरवी की थी.

वर्ष 2012 में ‘नरेंद्र चंद्र टास्क फोर्स’ ने चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमेटी के स्थायी प्रमुख का पद सृजित करने की अनुशंसा की थी. चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमेटी में सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख होते हैं तथा इनमें सबसे वरिष्ठ व्यक्ति इसका प्रमुख होता है.

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के कदम की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘हम समस्यों को न टालते हैं, न पालते हैं.’

प्रधानमंत्री ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम समस्याओं को टालते भी नहीं और पालते भी नहीं हैं. अब न टालने का समय है और न ही पालने का समय है. सरकार बनने के 70 दिनों भीतर संसद के दोनों सदनों ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का निर्णय का अनुमोदन किया.’

मोदी ने कहा, ‘देशवासियों ने जो काम दिया, हम उसे पूरा कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को लेकर हर सरकार ने कुछ न कुछ प्रयास किया, लेकिन इच्छा के अनुरूप परिणाम नहीं मिले हैं.

मोदी ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सपनों को पंख लगें, यह हम सबकी जिम्मेदारी है.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जो लोग अनुच्छेद 370 की वकालत कर रहे हैं उनसे देश पूछ रहा है कि अगर यह इतना महत्वपूर्ण था तो इसे आप लोगों ने स्थायी क्यों नहीं किया, अस्थायी क्यों बनाए रखा ?’

उन्होंने कहा, ‘नयी सरकार को 10 हफ्ते भी नहीं हुए हैं, लेकिन इस छोटे से कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में हर प्रयास को बल दिए गए हैं, हम पूरे समर्पण के साथ सेवारत हैं.’

मोदी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन किया गया.

इस दौरान एक देश-एक चुनाव पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज पूरा देश कह सकता है- वन नेशन-वन कॉन्स्टिट्यूशन. जीएसटी के माध्यम से वन नेशन वन टैक्स के सपने को पूरा किया. पिछले दिनों वन नेशन-वन ग्रिड को सफलतापूर्वक किया. वन नेशन वन मोबिलिटी कार्ड की व्यवस्था की. आज देश में व्यापक रूप से चर्चा है, वन नेशन वन इलेक्शन.’

मोदी ने कहा, जनसंख्या नियंत्रण भी देशभक्ति का एक तरीका

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अब हमारा देश उस दौर में पहुंचा है, जिसमें चुनौतियों को सामने से स्वीकार करना है. कभी राजनीतिक नफा-नुकसान के इरादे से हम निर्णय करते हैं. इससे देश का बहुत नुकसान होता है.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां बेतहासा जनसंख्या विस्फोट हो रहा है. यह आने वाली पीढ़ियों के लिए अनेक संकट पैदा करता है. हमारे देश में एक जागरूक वर्ग है जो इस बात को भली-भांति समझता है वह अपने घर में शिशु को जन्म देने से पहले सोचता है कि मैं उसकी जरूरतों को पूरा कर पाऊंगा कि नहीं.’

उन्होंने कहा, ‘आज भी स्वंय प्रेरणा से एक छोटा वर्ग परिवार को सीमित रखकर अपना भी भला करता है और देश की भलाई में भी बड़ा योगदान देता है. छोटा परिवार रखकर भी वे देशभक्ति करते हैं. हम भी उनसे सीखें.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे घर में किसी भी शिशु को आने से पहले हम सोचें कि जो शिशु हमारे घर में आएगा क्या उसकी जरूरतों के लिए हमने खुद को तैयार कर लिया है? क्या मैं उसे समाज के भरोसे छोड़ दूंगा. एक समाजिक जागरूकता की आवश्यकता है.’

उन्होंने कहा, ‘समाज के बाकी वर्गों को जोड़कर हमें जनसंख्या विस्फोट की चिंता करनी होगी. राज्यों और केंद्र सरकार को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इस काम को करना होगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)