दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता को कथित रूप से अवैध हथियार रखने के मामले फंसाने की साजिश के लिए एक और व्यक्ति को समन जारी किया.
उन्नाव/नई दिल्ली: उन्नाव बलात्कार मामले में आरोपी विधायक के सहयोगियों पर दुष्कर्म पीड़िता के चाचा के मुकदमों की पैरवी करने वाले पैरोकार (रिप्रेजेंटेटिव) पर गुरुवार रात जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज किया गया है.
पैरोकार का आरोप है कि वह पीड़िता के वकील के सहायक अधिवक्ता से उन्नाव कचहरी से मिलकर गांव स्थित घर लौट रहा था. तभी पांच हमलावरों ने पहले रास्ते में उसका घेराव किया. फिर रात में उसके घर पर चढ़कर उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी.
हालांकि, माखी के थानाध्यक्ष राजबहादुर ने सुरक्षा के मद्देनजर पैरोकार का नाम न बताने की बात कही है.
पीड़ित पैरोकार ने शुक्रवार को घटना की जानकारी से पुलिस अधीक्षक एमपी वर्मा को प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराकर कार्यवाही और सुरक्षा की मांग की. एसपी के निर्देश पर मांखी थाने में पुलिस ने तीन नामजद व दो अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है.
मांखी थानाध्यक्ष राजबहादुर ने बताया कि तहरीर के आधार पर बालेंद्र सिंह, रोहित सिंह, धर्मेंद्र सिंह व दो अज्ञात निवासी गढ़ी माखी के विरुद्ध बलवा, जान से मारने की धमकी देना, मारपीट और गाली-गलौज की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है.
दुष्कर्म पीड़िता के चाचा के जेल जाने और रायबरेली में हुए हादसे के बाद से सभी मुकदमों की पैरवी उनका रिश्तेदार ड्राइवर ही कर रहा है. मुकदमों के सिलसिले में उसका अक्सर उन्नाव कचहरी आना जाना रहता है.
एसपी को दिए गए प्रार्थनापत्र में पैरोकार ने बताया है कि गुरुवार को भी वह पीड़िता के साथ घायल अधिवक्ता के सहायक अधिवक्ता से मिलने कचहरी में उनके कार्यालय पर गया था.
पीड़िता के पिता को अवैध हथियार रखने के मामले में फंसाने के लिए व्यक्ति को समन
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता को कथित रूप से अवैध हथियार रखने के मामले फंसाने की साजिश के लिये एक और व्यक्ति को समन जारी किया. अदालत ने ऐसा सीबीआई के पूरक आरोपपत्र को संज्ञान में लेते हुए किया.
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने उक्त व्यक्ति को पांच सितंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया.
अदालत ने इससे पहले बलात्कार पीड़िता के पिता को अवैध हथियार रखने के मामले में कथित रूप से फंसाने के लिये पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसके भाई अतुल सेंगर, उत्तर प्रदेश के तीन पूर्व पुलिसकर्मियों और पांच अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किये थे.
अदालत ने कहा कि शरदवीर सिंह भी इस कथित षड़यंत्र का हिस्सा है. सीबीआई ने सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 166, 167, 193, 201, 218 और सशस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.