टाटा मोटर्स में छंटनी: प्रबंधकीय स्तर के 1,500 अधिकारियों को बाहर निकाला

कंपनी के अनुसार संगठन को पुनगर्ठित करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है.

huGO-BildID: 15792070 A worker cleans a Tata Motors logo outside its showroom in the southern Indian city of Hyderabad October 26, 2009. Tata Motors Ltd, India's largest vehicle maker, reported a sharp jump in quarterly net profit, beating forecasts, on improved margins from lower input prices, recovery in volumes and aided by lower foreign exchange losses. REUTERS/Krishnendu Halder (INDIA TRANSPORT BUSINESS)

कंपनी के अनुसार, संगठन को पुनगर्ठित करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है.

huGO-BildID: 15792070 A worker cleans a Tata Motors logo outside its showroom in the southern Indian city of Hyderabad October 26, 2009. Tata Motors Ltd, India's largest vehicle maker, reported a sharp jump in quarterly net profit, beating forecasts, on improved margins from lower input prices, recovery in volumes and aided by lower foreign exchange losses. REUTERS/Krishnendu Halder (INDIA TRANSPORT BUSINESS)
(फोटो: रॉयटर्स)

टाटा मोटर्स ने घरेलू स्तर पर अपने प्रबंधकीय स्तर के कार्यबल में से 1,500 लोगों की कटौती की है. संगठन को पुनगर्ठित करने के प्रयास के तहत यह कदम उठाया गया है.

कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी गुएंटेर बट्सचेक ने कहा कि कुल 13,000 प्रबंधक हैं जिसमें से 10 से 12 प्रतिशत यानी 1,500 लोगों की कटौती की गई है.

कंपनी के वित्तीय परिणाम की घोषणा के बाद उन्होंने यह बात कही.

गौरतलब है कि टाटा मोटर्स ने मार्च, 2017 को समाप्त हुई तिमाही में 16.79 फीसदी की गिरावट के साथ 4,336.43 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ अर्जित किया है. इस शीर्ष ऑटो निर्माता कंपनी ने 2015-16 की चौथी तिमाही में 5,211.49 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था.

कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि 2016-17 की चौथी तिमाही में उसका समेकित राजस्व 77,272 करोड़ रुपये रहा, जबकि उसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 79,549 करोड़ रुपये था.

कंपनी की ओर से कहा गया कि भारतीय मुद्रा और पाउंड के बीच विनिमय दर में बदलाव के चलते 2016-17 की चौथी तिमाही में समेकित राजस्व में रुपये के हिसाब से 9032 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

गौरतलब है कि इससे पहले देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लारसन एंड टुब्रो ने पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में 14,000 कर्मचारियों को बाहर कर दिया था.

भारत के बड़े बैंकों में से एक एचडीएफसी ने भी वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान अपने 10,000 कर्मचारियों को काम से निकाला था.