सत्तारूढ़ दलों के बीच बनी सहमति के आधार पर शेर बहादुर देउबा देश के नए प्रधानमंत्री हो सकते हैं.
काठमांडु: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने अपनी पार्टी और नेपाली कांग्रेस के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर बनी सहमति का सम्मान करते हुए इस्तीफा दे दिया. वह नौ महीने तक इस पद पर रहे.
अब नेपाली कांग्रेस देश का नेतृत्व करेगी. प्रचंड के इस्तीफे के बाद अब नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के प्रधानमंत्री बनने की संभावना है. बुधवार को प्रचंड (62) ने देश के नाम संबोधन के दौरान अपने इस्तीफे का ऐलान किया। प्रधानमंत्री के तौर पर यह उनका दूसरा कार्यकाल था.
प्रचंड ने कहा, ‘मैं आज प्रधानमंत्री पद से अपने इस्तीफे का एलान करता हूं. उन्होंने संतुलित विदेश नीति का अनुसरण किया और पड़ोसियों के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के साथ विश्वास बहाली में सफल रहे.’
पिछले साल तीन अगस्त को नेपाली कांग्रेस के साथ सहमति बनने के बाद उन्होंने देश के 39वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था. वह इकलौते कम्युनिस्ट नेता हैं जो नेपाल के दो बार प्रधानमंत्री बने.
साल 2008 से 2009 के दौरान प्रधानमंत्री के अपने कार्यकाल में प्रचंड का भारत के साथ अच्छा संबंध नहीं था. बहरहाल, दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रचंड ने अपने पहले विदेश दौरे के लिए चीन की बजाय भारत को चुना.
केपी ओली के समय भारत और नेपाल के संबंधों में तनाव आ गया था, लेकिन प्रचंड के कार्यकाल में संबंधों में सुधार हुआ. देउबा के प्रधानमंत्री बनने की पुष्टि संसद में अगले 10 दिनों के भीतर हो सकती है।
सत्तारूढ़ दलों नेपाली कांग्रेस और प्रचंड की पार्टी सीपीएन (माओवादी केंद्र) के बीच बनी सहमति के अनुसार प्रचंड शीर्ष पद से इस्तीफा देंगे जिससे गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए एनसी अध्यक्ष का मार्ग प्रशस्त होगा.
सहमति के अनुसार फरवरी 2018 में संसद के चुनाव होने तक दोनों दल बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगे. प्रचंड को स्थानीय चुनावों तक पद पर बने रहना है और बाकी के दो चुनाव शेर बहादुर देउवा के नेतृत्व में होने हैं.
नेपाल के लाखों नागरिकों ने दो दशक में पहली बार हुए स्थानीय चुनावों में 14 मई को मतदान किया था. पांच साल में चुनाव होने की परंपरा है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के चलते मई 1997 के बाद से नेपाल में स्थानीय चुनाव नहीं हो सके थे.