नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि कंपनी कर में दी गई छूट से उच्च वृद्धि हासिल होगी और कर संग्रह बढ़ेगा जिससे नुकसान की भरपाई हो जाएगी.
मुंबई: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बीते शनिवार को कहा कि सरकार की ओर से 1.45 लाख करोड़ रुपये की कर छूट देने के फैसले का राजकोषीय घाटे पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने यहां कहा कि कंपनी कर में दी गई छूट से उच्च वृद्धि हासिल होगी और कर संग्रह बढ़ेगा जिससे नुकसान की भरपाई हो जाएगी. मालूम हो कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबरने के लिए बीते शुक्रवार को कई घोषणाएं की हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनियों के लिए प्रभावी कर की दर में करीब 10 प्रतिशत की कटौती की है. उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र में आने वाली नई कंपनियों के लिए कर दर को काफी कम कर दिया.
वित्त मंत्री ने कहा कि नए कटौती प्रस्तावों से सरकारी खजाने को सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा. कुमार ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कर में दी गई छूट से राजकोषीय आंकड़ों पर बड़ा असर होगा. कुछ असर होगा जो बेहद कम होगा.’
उन्होंने कहा कि इन उपायों से वृद्धि तेज होगी और इससे प्रत्यक्ष एवं परोक्ष करों का संग्रह भी बढ़ेगा. इससे राजस्व को होने वाले नुकसान की भरपाई हो जाने का अनुमान है.
कुमार ने कहा, ‘पहले भी वृद्धि में उछाल आने के साथ हमारे करों में अच्छी वृद्धि रही है. इसलिए वृद्धि के तेज होने के साथ ही कर संग्रह भी बढ़ेगा.’ उन्होंने कहा कि उन्हें विनिवेश पर सरकार के जोर देने से भी उम्मीदें हैं.
उन्होंने कहा, ‘संपत्तियों की बिक्री से बजट के आकलन की तुलना में 52 हजार करोड़ रुपये अधिक मिलेगा. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने भी बजट में शामिल राशि के मुकाबले 50 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं.’
उन्होंने कहा कि कर तथा इसके इतर के मोर्चों से अधिक राजस्व प्राप्त होने से सरकार को राजकोषीय नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी.
कुमार ने कहा कि जीडीपी की पांच प्रतिशत की वृद्धि दर अभी संकट नहीं है. ऊपर से यह चक्र का सबसे निचला स्तर है. उन्होंने कहा, ‘हम इस साल करीब 6.50 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर लेंगे. हम अगले पांच साल में प्रति व्यक्ति आय को दो गुना करने की पटरी पर लौट आएंगे.’