ईडी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है. इसके बाद शरद पवार बिना बुलाए ईडी के दफ्तर जाने वाले थे लेकिन जब शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था की दिक्कत पैदा होने का हवाला दिया तब उन्होंने अपनी योजना टाल दी.
मुंबई: विरोधी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के बचाव में उतरते हुए शिवसेना के संसदीय दल के नेता संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले पवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन का मामला दर्ज किया जाना उनकी पार्टी के लिए जीवनदायी साबित हुआ है.
ईडी ने इस सप्ताह की शुरुआत में महाराष्ट्र राज्य सरकारी बैंक (एमएससीबी) के कथित घोटाले के संबंध में शरद पवार, उनके भतीजे अजीत पवार और एक पूर्व उपमुख्यमंत्री सहित कई लोगों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया है.
इस संबंध में पवार ने पहले कहा था कि वह शुक्रवार को ईडी के कार्यालय जाएंगे, लेकिन बाद में शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मिलने के बाद कानून-व्यवस्था की दिक्कत पैदा होने का हवाला देते हुए उन्होंने अपनी योजना टाल दी.
राउत ने शुक्रवार को एक मराठी चैनल से कहा कि ईडी के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है और शक्तिशाली मराठा नेता पवार एक सम्मानित व्यक्ति हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं इसे (ईडी के मामले को) अगले विधानसभा चुनावों के नजरिए से देख रहा हूं. जो लोग पवार को जानते हैं और प्रदेश की राजनीति को समझते हैं, वे कहेंगे कि बिना वजह जांच एजेंसी ने इस मामले को राजनीतिक बना दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘पवार महाराष्ट्र और देश के शीर्ष नेता हैं. उनकी अपनी एक छवि है.’
राउत ने कहा कि पवार के साथ उनकी पार्टी के राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन ये उनका समर्थन करने के रास्ते में आड़े नहीं आएंगे.
उन्होंने कहा, ‘पवार के साथ हमारे राजनीतिक मतभेद हैं. (शिवसेना के संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे के वक्त से ही हम उनकी आलोचना करते रहे हैं… उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं…. कभी जीतते हैं और कभी हारते हैं. वह भी हमारे खिलाफ हारे हैं.’
राउत ने कहा, महाराष्ट्र की एक संस्कृति है, जब भी कुछ गलत होता है, हम सब एक-दूसरे के साथ खड़े होते हैं. राज ठाकरे से ईडी ने पूछताछ की थी तब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकर उनके समर्थन में बोले थे.
राउत ने कहा, ‘यहां तक कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी कह चुके हैं कि बैंक घोटाले से पवार का कोई लेना-देना नहीं है. हजारे पवार के राजनीतिक विरोधी हैं और एनसीपी प्रमुख के खिलाफ कई आंदोलन कर चुके हैं.’
राउत ने बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे का भी हवाला दिया. खडसे ने कहा था कि बैंक घोटाले पर विधानसभा में चर्चा हुई थी लेकिन पवार का नाम सामने नहीं आया.
उन्होंने कहा, ‘उनका नाम उस शिकायत में भी नहीं है, जिसके आधार पर उच्च न्यायालय कार्रवाई कर रहा है. सिर्फ इसलिए कि उनके कुछ सहयोगी इसमें शामिल हैं, उन्हें सरगना कहा जा रहा है. यह कानून की जद में नहीं आता है.’
राउत ने कहा कि इसमें ना तो बीजेपी और ना ही सरकार की कोई भूमिका है. उन्होंने कहा, ‘उच्च न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई हो रही है. पवार का नाम लेकर जांच एजेंसी ने सुनिश्चित किया है कि एनसीपी जैसी सुसुप्त हो चुकी पार्टी को चुनाव से ठीक पहले जागने का मौका मिल जाए. इसने एनसीपी के कैडर को नींद से जगा दिया है.’
बता दें कि, 78 वर्षीय पवार ने आरोपों से इंकार किया है, जबकि उनकी पार्टी का कहना है कि ईडी की जांच राजनीति से प्रेरित है.