बीते रविवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सात हजार रुपये के निजी मुचलके और प्रदर्शन न करने की शर्त पर प्रदर्शनकारियों को जमानत दी थी.
मुंबई: आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मियों को रोकने और उन पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को जमानत मिलने के बाद सोमवार को रिहा कर दिया गया.
मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी और उसके आसपास के इलाके में लगी प्रतिबंधों में भी ढील दी है.
अवकाशकालीन अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एचसी शिंदे ने बीते रविवार को कुछ शर्तों के साथ प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का आदेश दिया था. इन शर्तों में, सात हजार रुपये का निजी मुचलका और यह अश्वासन शामिल है कि वे प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आदेश का पालन करते हुए ठाणे सेंट्रल जेल में बंद 24 प्रदर्शनकारियों को सोमवार सुबह रिहा कर दिया गया. उन्होंने बताया कि उनके अलावा पांच महिला प्रदर्शनकारियों को भायकला जेल से कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रिहा किया गया.
उत्तर मुंबई के आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) द्वारा पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जिसके बाद शुक्रवार रात और शनिवार को ये गिरफ्तारियां हुई थीं.
अन्य एक अधिकारी ने बताया कि इस बीच, पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लगाए निषेधाज्ञा में ढील भी दी.
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता प्रणय अशोक ने कहा, ‘हमने धारा144 पूरी तरह नहीं हटाई है, लेकिन स्थानीय लोगों को आने-जाने की अनुमति दे दी गई है. आरे में अवैध तरीके से एकत्रित होने या किसी के भी कानून का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी.’
पुलिस ने शनिवार को आरे कॉलोनी में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी, जिसके तहत लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगी. इसकी मियाद रविवार को बढ़ा दी गई थी.
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आरे कॉलोनी में पड़े काटने पर रोक लगा दी और महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक वे इस मामले में यथास्थिति बनाए रखें.
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की विशेष पीठ ने कहा कि वह पूरी स्थिति की समीक्षा करेंगे. साथ ही पीठ ने इस संबंध में दायर याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की.
कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगर कोई गिरफ्तारी के बाद अब तक रिहा नहीं किया गया है तो उसे निजी मुचलका भरने के बाद रिहा कर दिया जाए.
सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने पीठ से कहा था कि आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया गया.