कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘यदि किसी ने कानून का उल्लंघन किया है तो उससे कानून के अनुसार ही निपटा जाना चाहिए. कांग्रेस ने कभी कानून का उल्लंघन करने वाले का समर्थन नहीं किया है.’
केरल पुलिस ने रविवार को युवा कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया जिन्होंने वध के लिए पशुओं की बिक्री पर केंद्र द्वारा रोक लगाए जाने के फैसले के विरोध में यहां सार्वजनिक रूप से कथित तौर पर एक बछड़े का वध किया. इस घटना की विभिन्न तबकों ने आलोचना की है.
गौरतलब है कि केरल भाजपा के अध्यक्ष के राजशेखरन ने इस रक्तरंजित घटना का वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया और कहा कि यह क्रूरता का चरम है. उन्होंने कहा कि कोई भी सामान्य व्यक्ति इस तरह का आचरण नहीं कर सकता.
https://twitter.com/Kummanam/status/868501751351001088
माकपा के सांसद एमबी राजेश ने कहा कि विरोध के अतार्किक तरीके से बचा जाना चाहिए था और इससे संघ परिवार को मदद ही मिलेगी.
असहज स्थिति का सामना कर रही कांग्रेस ने इससे अपने को अलग करने का प्रयास करते हुए कहा कि पार्टी ऐसे किसी व्यक्ति का समर्थन नहीं करेगी जिसने कानून का उल्लंघन किया है. लेकिन इस विरोध का नेतृत्व करने वाले एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि युवा मोर्चा के जिला महासचिव सीसी रतीश की शिकायत पर पुलिस ने युवा कांग्रेस कार्यकर्ता रिजिल मकुलती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया.
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, यदि किसी ने कानून का उल्लंघन किया है तो उससे कानून के अनुसार ही निबटा जाना चाहिए. कांग्रेस ने कभी कानून का उल्लंघन करने वाले का समर्थन नहीं किया है. हालांकि पहले यह प्रमाणित करने की आवश्यकता है कि जिसका वीडियो चलाया जा रहा है, उसका संबंध कांग्रेस से है भी या नहीं.
वहीं, रिजिल ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘हमें अपने कृत्य पर कोई अफसोस नहीं है. यह हमारे विरोध प्रदर्शन के तहत किया गया.’
दूसरी ओर, केरल की सरकार ने कहा कि वध के लिए पशुओं की बिक्री पर केंद्र के प्रतिबंध के विरोध में वह कानून ला सकती है. युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा सरेआम एक बछड़े को काटे जाने पर चल रहे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच सरकार की तरफ से ये संकेत दिए गए.
केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने शनिवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर केंद्र के निर्णय का विरोध किया था. उन्होंने भाजपानीत केंद्र सरकार और आरएसएस पर प्रहार करते हुए कहा कि राज्य के लोगों को नई दिल्ली या नागपुर से खान-पान की आदतों को लेकर सबक सीखने की जरूरत नहीं है.
स्थानीय प्रशासन मंत्री के टी जलील ने कहा कि केंद्र के पशु वध से निजात पाने के लिए सरकार नया कानून लाने पर विचार कर सकती है.
वहीं, भाकपा ने आरोप लगाया कि वध के लिए मवेशियों की बिक्री पर केंद्र की अधिूसचना संघ परिवार के हिंदू राष्ट्र की साजिश का हिस्सा है . भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा, संघ परिवार शाकाहार थोपने की कोशिश कर रहा है. यह उनकी हिंदू राष्ट्र साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि यह बहुत अविवेकपूर्ण फैसला है और पार्टी इसकी निंदा करती है .