करतारपुर गलियारा शुरू करने को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ समझौता

यह गलियारा भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतापुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगा. इससे अब भारत के सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित पवित्र दरबार साहिब तक जा पाएंगे.

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करतारपुर गुरुद्वारा. (फोटो: रॉयटर्स)

करतारपुर गलियारा भारत के पंजाब के गुरुदासपुर ज़िले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान में करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगा. इससे अब भारत के सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित पवित्र दरबार साहिब तक जा पाएंगे.

करतारपुर गुरुद्वारा. (फोटो: रॉयटर्स)
करतारपुर गुरुद्वारा. (फोटो: रॉयटर्स)

लाहौर/डेरा बाबा नानकः भारत और पाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों में जारी तनाव से प्रभावित हुए बिना गुरुवार को ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे को शुरू करने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए. इससे अब भारत के सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित पवित्र दरबार साहिब तक जा पाएंगे.

यह गलियारा भारत के पंजाब के गुरुदासपुर ज़िले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगा जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है.

समझौते पर हस्ताक्षर करने संबंधी कार्यक्रम का आयोजन नरोवाल में भारत-पाकिस्तान सीमा पर करतारपुर जीरो पॉइंट पर हुआ. इस समझौते के साथ ही गलियारे को चालू करने में आ रही मुख्य कानूनी बाधा को दूर कर लिया गया है.

भारत की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एससीएल दास ने जबकि पाकिस्तान की तरफ से पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने समझौते पर दस्तखत किए.

समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद फैसल ने मीडिया से कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपना वायदा पूरा किया है और एक साल के भीतर गलियारे को पूरा कर लिया.

फैसल ने कहा, ‘करतारपुर गलियारे को लेकर समझौते पर पहुंचना कभी आसान नहीं था. भारत के साथ हमारे तनावपूर्ण संबंधों के चलते भारत के साथ यह बहुत ही कठिन बातचीत थी.’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उन बिंदुओं पर कायम रहा है जो उसने गलियारे पर बातचीत के शुरू में प्रस्तावित किए थे.

फैसल ने कहा, ‘समझौते के तहत गलियारा सप्ताह के सातों दिन सूर्योदय से सूर्योस्त तक खुला रहेगा. हर रोज कुल पांच हजार भारतीय सिख पहुंचेंगे और उसी दिन वापस चले जाएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘तीर्थयात्रियों को अपनी पहचान के लिए सिर्फ अपना पासपोर्ट लाना होगा और इस पर मुहर नहीं लगाई जाएगी. गुरुद्वारा आने वाले श्रद्धालुओं की सूची उनके यात्रा कार्यक्रम से 10 दिन पहले भारत द्वारा साझा की जाएगी.’

समझौते पर हस्ताक्षर होने के तुरंत बाद श्रद्धालुओं का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया.

मालूम हो कि गुरुद्वारा दरबार साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे.

प्रत्येक श्रद्धालु को 20 डॉलर शुल्क का भुगतान करना होगा. भारत ने पाकिस्तान से भारतीय श्रद्धालुओं से शुल्क नहीं वसूलने का आग्रह किया था.

प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि इस गलियारे के जरिये पाकिस्तान आने वाले भारतीय सिखों को पंजाब प्रांत में अन्य गुरुद्वारों तक जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि देश के अन्य गुरुद्वारों या अन्य जगहों को देखने के लिए यात्रियों को वीजा लेना होगा.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले नौ नवंबर को इस गलियारे का औपचारिक उद्घाटन करेंगे.

गौरतलब है कि करतारपुर गलियारे के भारतीय क्षेत्र में आने वाले हिस्से का शिलान्यास उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पिछले साल नवंबर में पंजाब के गुरदासपुर जिले में किया था.

इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नरोवाल में कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी.

पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच गुरुद्वारा दरबार साहिब तक भारतीय तीर्थयात्रियों की वीजा रहित यात्रा पर सहमति बनी थी. इसके लिए तीर्थयात्रियों को केवल अपने पासपोर्ट लेकर जाना होगा. यह गलियारा सालभर और हफ्ते में सातों दिन चालू रहेगा.

गलियारा चालू करने संबंधी समझौते पर ऐसे समय में हस्ताक्षर हुए हैं, जब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के भारत के पांच अगस्त के फैसले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है.

करतारपुर गलियारे में यात्री अधिकतम 11,000 रुपये और सात किलो का एक बैग ही ले जा सकेंगे

पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्री अधिकतम 11,000 रुपये और सात किलोग्राम का एक बैग ही ले जा सकेंगे. उन्हें धर्मस्थल के अलावा कहीं ओर जाने की इजाजत नहीं होगी.

गृह मंत्रालय ने करतारपुर के तीर्थयात्रियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसके मुताबिक, 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 75 वर्ष या अधिक उम्र के लोगों को समूह का हिस्सा बनकर यात्रा करनी होगी.

तीर्थयात्रा के दौरान पर्यावरण के अनुकूल सामग्री (जैसे कपड़े के बैग) का इस्तेमाल करना होगा और क्षेत्र की स्वच्छता को बनाए रखना होगा.

तीर्थयात्री सुबह के वक्त रवाना होंगे और उन्हें उसी दिन लौटना होगा.

पाकिस्तान के नरोवाल जिले के गुरुद्वारा दरबार साहिब में जाने के इच्छुक सभी तीर्थयात्रियों को एक ऑनलाइन पोर्टल पर अग्रिम पंजीकरण करवाना होगा.

अकेले पंजीयन करवा लेने भर से उन्हें यात्रा का अधिकार नहीं मिल जाएगा. जिन आवेदकों को यात्रा की इजाजत दी जाएगी उन्हें इस बारे में यात्रा की तिथि से चार दिन पहले इस बारे में सूचित किया जाएगा. ऐसे में आवेदकों को अपनी यात्रा की तैयारी पहले से करके रखना होगी.

तीर्थयात्रियों को केवल श्री करतारपुर साहिब जाने की इजाजत होगी, वह इसके अलावा कहीं बाहर नहीं जा सकेंगे.

गृह मंत्रालय ने कहा है कि वहां केवल 11,000 रुपये नकदी ले जायी जा सकती है. इसके अलावा पेयजल समेत सात किलो तक का केवल एक ही बैग ही ले जाने की इजाजत होगी.

पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक में पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स (पीटीबी) के भीतर धूम्रपान, मदिरा-पान और तंबाकू के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी.

तेज आवाज में संगीत बजाना और बिना अनुमति अन्य लोगों की तस्वीरें लेने की मंजूरी नहीं होगी.

डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे के रोजमर्रा के कामकाज को देखने के लिए पंजाब के डेरा बाबा नानक विकास प्राधिकरण के उपायुक्त सह मुख्य प्रशासक की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय पैनल करतारपुर साहिब कॉरिडोर कार्यकारी समिति का गठन किया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारे का आठ नवंबर को औपचारिक रूप से उद्घाटन करेंगे. तब तक वहां अत्याधुनिक पैसेंजर टर्मिनल बनकर तैयार हो जाएगा.

वहां तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों के लिए एक सुविधा केंद्र भी होगा, भोजन की दुकानें, पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे और सुरक्षा बिंदु भी बनाए जाएंगे.

करतारपुर जाने वाले श्रद्धालु नहीं ले जा सकेंगे कुछ खास वस्तुएं, कृपाण ले जाने की इजाजत

पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन के लिये जाने वाले श्रद्धालु अपने साथ वाई-फाई-ब्रॉडबैंड उपकरण, भारत या पाकिस्तान की क्षेत्रीय अंखडता को चुनौती देने वाले झंडे-बैनर, शराब और अन्य कई वस्तुएं अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे. इन वस्तुओं को श्रद्धालुओं के लिए प्रतिबंधित सूची में रखा गया है.

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक सूची जारी की है. हालांकि इसमें कृपाण को शामिल नहीं किया गया है.

हाल में लांच किए गए पोर्टल पर यह सूची डाली गई है.

सूची के मुताबिक, आग्नेयास्त्र और गोला बारूद, विस्फोटक पदार्थ, मादक पदार्थ, चाकू और ब्लेड, जाली नोट, मोहर और सिक्के, भारत और पाकिस्तान की बाहरी सीमाओं के गलत चित्रण वाले मानचित्र और साहित्य ले जाने पर मनाही है. सभी प्रकार के कृपाणों को ले जाने की इजाजत है.

इसके अलावा भारत अथवा पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने वाले या संभावित रूप से दोनों देशों में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक झंडे, बैनर, मीडिया सामग्री और साहित्य ले जाने पर भी रोक है.