गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं के कारण महाराष्ट्र में सबसे अधिक 430 लोगों की मौत हो हुई, जबकि पश्चिम बंगाल में मरने वालों की संख्या 227 है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस बार के मानसूनी मौसम में बारिश एवं बाढ़ जनित घटनाओं में 2,155 लोगों की मौत हो गई. इस बार के मानसून में 22 राज्यों में 26 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
देश में 361 जिले बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन जनित घटनाओं से प्रभावित रहे और इसके कारण महाराष्ट्र में सबसे अधिक 430 लोगों की मौत हो हुई, जबकि पश्चिम बंगाल में मरने वालों की संख्या 227 है.
अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश एवं बाढ़ के कारण देशभर में 803 लोग घायल हुए और करीब 20,000 मवेशी लापता हो गए. इसके कारण 2.23 लाख घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 2.06 लाख घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए.
वहीं 14.09 लाख हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई.
अधिकारी ने बताया कि इस साल बारिश एवं बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 2,155 लोगों की मौत हुई.
देश के कुछ हिस्सों में मानसून अब भी सक्रिय है. हालांकि मानसून आधिकारिक रूप से 30 सितंबर को खत्म हो गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार चार महीने की इस अवधि में देश में 1994 के बाद से सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई.
महाराष्ट्र में 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए और 430 लोगों की मौत हुई, 398 लोग घायल हुए तथा 7.19 लाख लोगों को 305 राहत शिविरों में आश्रय लेना पड़ा.
मानसूनी बारिश से पश्चिम बंगाल में 22 जिले प्रभावित हुए. इससे 227 लोगों की मौत हो गई, 37 लोग घायल हुए, चार लोग लापता हैं जबकि 43,433 लोगों को 280 राहत शिविरों में शरण लेना पड़ा.
बिहार इस महीने तक बाढ़ से प्रभावित रहा. इसके कारण राज्य में 166 लोगों की मौत हुई, 1.96 लाख लोगों को 282 राहत शिविरों में शरण लेना पड़ा और इस आपदा से राज्य में 28 जिले प्रभावित रहे.
मध्य प्रदेश में बाढ़ एवं बारिश के कारण 189 लोगों की मौत हुई, 39 लोग घायल हुए और सात अन्य लापता हैं जबकि 32,996 लोगों को 38 जिलों में बने 98 राहत शिविरों में आश्रय लेना पड़ा.
केरल में भारी बारिश एवं बाढ़ से 181 लोगों की मौत हो गई और 72 लोग घायल हो गए. राज्य के 13 जिलों में 15 लोगों के लापता होने की खबर है और 4.46 लाख लोगों को 2,227 राहत शिविरों में शरण लेना पड़ा.
मॉनसून के मौसम में गुजरात में 22 जिले बारिश एवं बाढ़ से प्रभावित रहे, जिससे 192 लोगों की मौत हुई, 17 लोग घायल हुए और 17,783 लोगों को 102 राहत शिविरों में शरण लेना पड़ा.
कर्नाटक में 16 जिले बाढ़ एवं बारिश से प्रभावित हुए और इसके कारण 285 लोगों की मौत हुई तथा 49 लोग घायल हुए, वहीं छह लोगों के लापता होने की खबर है जबकि 2.48 लोगों ने 3,261 राहत शिविरों में आश्रय लिया.
असम में बाढ़ एवं बारिश के कारण 101 लोगों की मौत हो गई जबकि 32 जिले इस आपदा से प्रभावित हुए और इसके कारण 5.35 लाख लोगों को 1,357 राहत शिविरों में शरण लेना पड़ा.