दिल्ली में न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाई गई, तकरीबन 55 लाख श्रमिकों को होगा फायदा

बढ़ी हुई मज़दूरी के तहत अकुशल कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन 14,842 रुपये मासिक, अर्द्धकुशल कर्मचारियों के लिए 16,341 रुपये तथा कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये मासिक तय किया गया है.

/
(फोटो: रॉयटर्स)

बढ़ी हुई मज़दूरी के तहत अकुशल कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन 14,842 रुपये मासिक, अर्द्धकुशल कर्मचारियों के लिए 16,341 रुपये तथा कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये मासिक तय किया गया है.

Workers walk in front of the construction site of a commercial complex on the outskirts of the western Indian city of Ahmedabad, in this April 22, 2013 file picture. While India has long suffered from a dearth of workers with vocational skills like plumbers and electricians, efforts to alleviate poverty in poor, rural areas have helped stifle what was once a flood of cheap, unskilled labour from India's poorest states. Struggling to cope with soaring food prices, this dwindling supply of migrant workers are demanding - and increasingly getting - rapid increases in pay and benefits. To match story INDIA-ECONOMY/INFLATION      REUTERS/Amit Dave/Files (INDIA - Tags: BUSINESS CONSTRUCTION EMPLOYMENT TPX IMAGES OF THE DAY)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजूदरी में वृद्धि को अधिसूचित कर दिया है. इससे शहर में काम करने वाले करीब 55 लाख श्रमिकों को लाभ होगा. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी को अधिसूचित किया है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इस संबंध में जानकारी दी.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कर्मचारियों को अप्रैल से सितंबर अवधि के लिए बढ़े महंगाई भत्ते का बकाया भी मिलेगा. इसके अलावा उन्हें एक महीने की मजदूरी के बराबर दिवाली बोनस भी दिया जाएगा.

बढ़ी हुई मजदूरी के तहत अकुशल कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन 14,842 रुपये मासिक, अर्द्धकुशल कर्मचारियों के लिए 16,341 रुपये तथा कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये मासिक तय किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 44 नियोक्ता संगठनों ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने से संबद्ध दिल्ली सरकार की पूर्व की अधिसूचना के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की अधिसूचना खारिज कर दी, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने मामले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने 14 अक्टूबर 2019 को न्यूनतम मजदूरी के संदर्भ में दिल्ली सरकार के पक्ष में आदेश दिया.’

उन्होंने कहा, ‘हमने न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी को लेकर अधिसूचना को अधिसूचित कर दिया है.’

केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से गरीबी हटाने और आर्थिक नरमी से निपटने में मदद मिलेगी. मजदूरी बढ़ने से मांग और फलत: उत्पादन में तेजी आएगी तथा रोजगार सृजित होंगे.

राज्य सरकार ने इसके साथ ही कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन नहीं देने पर 1,373 ठेकेदारों को हटा दिया है.

केजरीवाल ने कहा, ‘हमने इस संदर्भ में विशेष अभियान चलाया और न्यूनतम मजदूरी नियमों का उल्लंघन करने को लेकर 100 से अधिक नियोक्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये गए… छह ठेकेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं.’

उन्होंने कहा कि दिल्ली की न्यूनतम मजदूरी देश में सर्वाधिक है.