पिनाराई विजयन अब तक कट्टर पार्टी सचिव ही बने हुए हैं, एक संवेदनशील मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं. विभिन्न मौकों पर पुलिसिया दमन का पक्ष लेने पर कहा जा सकता है कि पुलिस का मनोबल बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी है, लेकिन इससे जनता की नजर में उनकी छवि को काफी नुकसान पहुंचा है.