भाजपा सरकार ने मुझे वीज़ा नहीं मिलने नहीं दिया: क्षमा सावंत

जाति और श्रम अधिकारों के लिए मुखर और अमेरिका में रहने वाली कार्यकर्ता क्षमा सावंत अपनी बीमार मां से मिलने भारत आना चाहती हैं, लेकिन भारत सरकार वीज़ा स्वीकृत नहीं कर रही है. क्षमा इसे राजनीतिक प्रतिशोध मानते हुए कहती हैं कि अगर ऐसा नहीं है भारत सरकार उन्हें वीज़ा दे.

गिरफ़्तारी से पहले तेलतुम्बड़े ने देश को लिखा- उम्मीद है आप अपनी बारी आने से पहले बोलेंगे

मैं देख रहा हूं कि मेरा भारत बर्बाद हो रहा है, इस तरह के डरावने क्षण में एक उम्मीद के साथ लिख रहा हूं. आज बड़े पैमाने पर उन्माद को बढ़ावा मिल रहा और शब्दों के अर्थ बदल दिए गए हैं, जहां राष्ट्र के विध्वंसक देशभक्त बन जाते हैं और लोगों की निस्वार्थ सेवा करने वाले देशद्रोही.

भीमा-कोरेगांव युद्ध को सिर्फ़ जाति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए

जब आंबेडकर ने भीमा कोरेगांव युद्ध को पेशवाओं के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ महारों के संघर्ष के रूप में पेश किया, तब वे असल में एक मिथक रच रहे थे.