भारत-चीन के बीच दोस्ती की मिसाल है डॉ. कोटनिस की अमर कहानी

ख़्वाजा अहमद अब्बास के सिनेमाई जीवन, उनकी बहुमुखी प्रतिभा के बारे में बहुत-सी बातें कही लिखी जा चुकी हैं, लेकिन आज हिंदुस्तान और चीन के बीच जारी तल्ख माहौल में उनके उपन्यास डॉ. कोटनिस की अमर कहानी की प्रासंगिकता अधिक जान पड़ रही है.

पकौड़े! तुम होशियार रहना, मोदीजी ने तुम्हारा सहारा लेकर करोड़ों युवाओं को ठेंगा दिखाया है

​व्यंग्य: हे पकौड़ा! तुम चाय की तरह हमेशा के लिए अमर हो जाते अगर मोदीजी कह देते, ‘मैं चाय के साथ पकौड़ा भी बेचता था, इसलिए मैं चाहता हूं भाइयों-बहनों की पूरा हिंदुस्तान चाय-पकौड़ा बेचे’.