अख़लाक़ का गांव: ‘आप लोग जाइए, हम अपने जहन्नुम में ख़ुश हैं’

भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मोहम्मद अख़लाक़ को मार दिए जाने के करीब चार साल बाद दादरी के बिसाहड़ा गांव में कोई पछतावा नहीं दिखता. यहां के मुसलमानों ने ख़ुद को क़िस्मत के हवाले कर दिया है.

मायावती के गांव बादलपुर में क्या है चुनावी माहौल

11 अप्रैल को पहले चरण के चुनाव में गौतमबुद्ध नगर में मतदान होगा. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने मायावती के पैतृक गांव बादलपुर का जायज़ा लिया.

क्या 2013 के दंगों को भूल पाए हैं मुज़फ़्फ़रनगर के मुस्लिम वोटर?

आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर क्या सोच रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के मुस्लिम उम्मीदवार. बता रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

आरफ़ा का इंडिया: नरेंद्र मोदी की मायावी दुनिया

पिछले पांच साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने और ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

क्या वोटर लिस्ट से गायब हो रहे हैं दलित और मुसलमानों के नाम?

लोकसभा चुनाव से पहले आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार देश के करीब 12 करोड़ लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं. हैदराबाद स्थित एक समूह का दावा है कि ऐसे लोगों में बड़ी संख्या मुसलमानों और दलितों की है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी इस बारे में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर सैयद खालिद सैफुल्लाह से चर्चा कर रही हैं.

क्या कैराना में उल्टा पड़ा पुलवामा का असर?

पुलवामा आतंकी हमला और बालाकोट एयरस्ट्राइक आगामी लोकसभा चुनाव में ज़मीन पर कितने प्रभावी साबित होंगे? द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना के लोगों से जानने की कोशिश की.

हम भी भारत: क्या जिग्नेश मेवाणी गुजरात में भाजपा को चुनौती दे पाएंगे?

हम भी भारत की इस कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी से आगामी लोकसभा चुनाव में प्रभावी समीकरणों पर चर्चा कर रही हैं.

मीडिया में डर का माहौल बना हुआ है: एन. राम

द वायर से बात करते हुए द हिंदू के चेयरमैन और वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने रफाल सौदे और इसकी मीडिया कवरेज़ को लेकर मोदी सरकार की हालिया धमकियों पर अपनी राय साझा की.

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