इस चुनाव में प्रशांत किशोर की नवगठित पार्टी जनसुराज भी मैदान में थी, लेकिन यह कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई.
पूर्व सैनिकों का कहना है कि जब आप चार साल के अनुबंध पर लड़कों को भर्ती करेंगे, तो संभव है कि कहीं कम और कमतर लड़के सेना में जाएंगे, जिनके भीतर जुनून कम होगा, और देश के लिए मिट जाने का जज़्बा भी नहीं होगा. क्या सेना को उस श्रेणी और गुणवत्ता के जवान मिल पाएंगे जो वह चाहती है?
बिहार में 'इंडिया' गठबंधन के साथ मिलकर सीपीआई (माले) ने तीन सीट पर चुनाव लड़ा था- आरा, काराकाट और नालंदा. पार्टी इनमें से दो सीट जीतने में कामयाब रही.