प्रताड़ना और उत्पीड़न की मेरी कहानी को ख़ारिज करते हुए अकबर अपने 'प्लाईवुड और कांच के छोटे-से क्यूबिकल' में छिप रहे हैं. या तो वे झूठ बोल रहे हैं या उन पर उम्र का असर होने लगा है.
बात उन दिनों की है जब मैं एशियन ऐज में काम किया करती थी और अकबर वहां संपादक थे.