मेरे समय का रचनाकार अपने आपसे मुठभेड़ क्यों नहीं करता है? विविधता और प्रतिनिधित्व के सवाल उसके व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और व्यवसायिक स्थलों पर क्यों नहीं दिखाई देते हैं? रचनाकार का समय में पढ़िए कथाकार कैलाश वानखेड़े को.
मेरे समय का रचनाकार अपने आपसे मुठभेड़ क्यों नहीं करता है? विविधता और प्रतिनिधित्व के सवाल उसके व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और व्यवसायिक स्थलों पर क्यों नहीं दिखाई देते हैं? रचनाकार का समय में पढ़िए कथाकार कैलाश वानखेड़े को.