17 सितंबर 1948 को भारतीय संघ में हैदराबाद रियासत का विलय हुआ था, जिसका एक बड़ा हिस्सा तेलंगाना है. इस विलय को अलग-अलग विचारधाराओं के लोग अलग नज़रिये से देखते हैं और उसकी व्याख्या करते हैं. भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के तहत इसे मुसलमान शासक से हिंदू आबादी को मिली मुक्ति के रूप में चित्रित कर रही है.