रचनाकार का समय: करगिल की लड़ाई के दौरान मेरे रचनाकार का जन्म हुआ

हम स्त्रियां हैं, हमारा संबंध धरती से कहीं गहरा है. हमारी पुरखिनों ने चावल भी वहां फटके हैं, जिस आंगन में गौरेया आती हैं. रचनाकार का समय में पढ़िए साहित्यकार मनीषा कुलश्रेष्ठ को.

‘कथाकहन मेरी जिज्ञासा, जरूरत और जिद का परिणाम है’

कथा-लेखन की इस वार्षिक कार्यशाला ने बहुत कम समय में अपनी जगह बना ली है, और इस भ्रान्ति को भी तोड़ दिया है कि लेखकीय प्रतिभा जन्मजात होती है, उसे सिखाया नहीं जा सकता.