बांग्लादेश से गुज़रते हुए: क़िस्त पांच

किसी भी देश में बहुसंख्यकवाद हो, उसका प्रभाव दूसरे देश की प्रगति को बाधित करेगा. दोनों देशों की छवियां भी इससे प्रभावित होंगी. यदि भारत और बांग्लादेश में से एक में भी धर्मनिरपेक्षता ख़त्म होती है तो ऊपर से चाहे जितने भी समझौते कर लिए जाएं, कभी अमन क़ायम नहीं हो सकता.

बांग्लादेश से गुज़रते हुए: क़िस्त चार

बांग्लादेश के मूल्यों और संस्कृति के लिए घरेलू सांप्रदायिकता की अपेक्षा भारत में होने वाली मुसलमान विरोधी बयानबाज़ी और राजनीति ज़्यादा घातक है. भारत में मुसलमानों पर किए जा रहे व्यक्तिगत या संगठित अत्याचार हों, या अयोध्या और 'लव जिहाद' से संबंधित अदालती फैसले, इन सबका घातक प्रभाव बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्षता पर होता है.

बांग्लादेश से गुज़रते हुए: क़िस्त दो

बांग्लादेश में भारत के विरोध के तीन प्रमुख कारण नज़र आते हैं- सांप्रदायिक ताक़तें, दक्षिणपंथी राजनीतिक दल और घरेलू कारणों से भारत को लेकर खड़ा किया गया भय.

बांग्लादेश से गुज़रते हुए: क़िस्त एक

भारत के लिए आवश्यक है कि वह बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों से अच्छे संबंध कायम करे. यह रेखांकित करना चाहिए कि विपक्ष को 40 फीसदी मतदाताओं का समर्थन है