कई बार बांसों में अथाह पुष्प-प्रस्फुटन चूहों की भीड़ ले आता है, जो फसल की बर्बादी का कारण बनता है. बावजूद इसके न बांस उगना छोड़ता है और न ही किसान फसल बोना. यही लेखन प्रक्रिया के दौरान होता है. रचनाकार अपने भीतर बहुत कुछ मरते हुए, नवजीवित होते हुए देखता है. रचनाकार का समय में पढ़िए कवयित्री मंजुला बिष्ट को.