माकपा ने बंगाल में लंबे समय से चली आ रही हिंदू दक्षिणपंथी प्रवृत्तियों से लड़ने में अपनी विफलता पर विचार करने से इनकार करते हुए बहुत आसानी से धार्मिक ध्रुवीकरण का सारा दोष ममता बनर्जी के माथे मढ़ दिया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: लेफ्ट/ माकपा के समर्थकों का एक बड़ा वर्ग इसलिए भाजपा के साथ खड़ा है क्योंकि वे ममता बनर्जी को सबक सिखाना चाहते हैं.
कहा जाता है कि बंगाल में वाम मोर्चे के लंबे शासन ने किसी ऐसे मंच को उभरने नहीं दिया, जिसका इस्तेमाल सांप्रदायिक शक्तियां राजनीतिक फायदे के लिए कर सकती थीं. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि ज़मीन पर हिंदू-मुस्लिम तनाव नहीं था. राज्य के मौजूदा सियासी मिज़ाज को उसी दबे हुए तनाव के अचानक फूट पड़ने के तौर पर देखा जा सकता है.