झारखंड में क्यों सड़कों पर ठोकरें खा रहे लाखों मानदेयकर्मी?

झारखंड में शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला बाल कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभागों में बड़ी तादाद में तैनात मानदेयकर्मियों को एक दिहाड़ी मज़दूर से भी कम वेतन मिलता है. लिहाज़ा प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है.

झारखंड से ग्राउंड रिपोर्ट: रोज़गार-ग़रीबी के दर्द के बीच कब टूटेगा मानव तस्करी का जाल?

वेतन मांगने की वजह से दिल्ली में एक घरेलू कामगार सोनी कुमारी की निर्मम हत्या कर दी गई. झारखंड से लापता हुईं सोनी के परिवारवालों को उनकी हत्या से पहले तक पता ही नहीं था कि वह दिल्ली में हैं.

झारखंडः गोमांस के शक में मारे गए अलीमुद्दीन के दोषियों के लिए भाजपा नेता क्यों धरना दे रहे हैं?

झारखंड के रामगढ़ में पिछले साल मांस कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में 11 लोगों को उम्रकैद की सज़ा हुई है.

झारखंडः बच्चा चोरी के शक़ में भीड़ द्वारा पीटकर मारे गए शम्सुद्दीन मामले में 10 लोगों को उम्रक़ैद

पिछले साल चार अप्रैल को झारखंड के बोकारो ज़िले के नर्रा गांव में शम्सुद्दीन अंसारी को भीड़ ने पीट कर मार डाला था.

झारखंड में जारी बलात्कार की घटनाएं सुर्ख़ियों में क्यों नहीं हैं?

जम्मू कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगरेप की घटनाओं के बीच झारखंड में बलात्कार की घटनाएं लगातार जारी हैं.

क्या गिरिडीह जेल में दामोदर तुरी को यातना दी जा रही है?

विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक दामोदर तुरी की गिरफ़्तारी के बाद उनकी पत्नी ने जेल में उनके साथ अमानवीय रुख़ अपनाए जाने का आरोप लगाया है.

झारखंड: परमवीर अल्बर्ट एक्का का स्मारक बनाने के प्रति सरकार उदासीन क्यों है?

ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड में परमवीर चक्र विजेता लांस नायक अल्बर्ट एक्का के समाधि-स्मारक निर्माण की आधारशिला रखे जाने के 27 महीने बाद वहां एक ईंट भी नहीं जोड़ी जा सकी है. अब सामाजिक स्तर पर जन समर्थन और आर्थिक सहायता जुटाकर इसके निर्माण का अभियान शुरू किया जा रहा है.

क्यों झारखंड में आदिवासी ‘पत्थलगड़ी’ आंदोलन कर रहे हैं?

ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड के कई आदिवासी इलाकों में इन दिनों पत्थलगड़ी की मुहिम छिड़ी है. ग्रामसभाओं में आदिवासी गोलबंद हो रहे हैं और पत्थलगड़ी के माध्यम से स्वशासन की मांग कर रहे हैं.

झारखंड: नौकरी की आस में लाखों युवा सड़क पर

झारखंड लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग की प्रारंभिक परीक्षाएं होने के बाद मुख्य परीक्षा में लगातार देरी होने से राज्य के युवाओं में आक्रोश है.

डिजिटल इंडिया के चक्कर में झारखंड के ग्रामीण दो जून की रो​टी के लिए तरस रहे हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड में पिछले साल सार्वजनिक वितरण प्रणाली में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की व्यवस्था लागू की है, लेकिन ग्रामीणों के लिए इसका लाभ ले पाना अब भी दूर की कौड़ी साबित हो रहा है.

झारखंड में मदरसा शिक्षकों को पिछले 10 माह से नहीं मिला वेतन

ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड के 186 अराजकीय मदरसा शिक्षकों को दस महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. शिक्षकों का आरोप है कि मदरसों के सत्यापन के नाम पर वेतन रोका गया है.

‘जेल की दीवारें चाहे जितनी ऊंची हों, हमें तो लालू जी से मुहब्बत है’

चारा घोटाले में कई बार जेल जाने वाले लालू जैसे छत्रप का यह तिलिस्म ही है कि एक बड़ी जमात उन्हें ज़मीनी नेता मानने से गुरेज नहीं करती. तभी जेल में उनसे मिलने वालों का तांता लगा हुआ है.

18वें साल में झारखंड: क्या भूख और कुपोषण से जीतकर राज्य विकास की नई इबारत गढ़ सकेगा?

ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार से अलग राज्य बनने के बाद लगा था कि झारखंड आर्थिक समृ़द्धि की नई परिभाषाएं गढ़ेगा लेकिन 17 साल बाद भी राज्य से कथित भूख से मरने जैसी ख़बरें ही सुर्खियां बन रही हैं.

झारखंड: एक संतोषी मर गई, पर भात की बात अभी बाकी है…

ग्राउंड रिपोर्ट: सरकारी दावों के इतर झारखंड में ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि आधार और नेटवर्क जैसी तकनीकी दिक्कतों और प्रशासन की लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में गरीब-​​​​मज़दूर भूख से जूझने को विवश हैं.