पॉक्सो मामले में आरोपी होने के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह के गिरफ़्तार न होने से सवाल उठता है कि क्या क़ानून सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू हो रहे हैं?
संविधान और संवैधानिक सोच सिर्फ़ कागज़ पर लिखे लफ्ज़ नहीं हैं. यह सोच हमें जीनी है, आगे बढ़ानी है. ठीक वैसे ही जैसे मथुरा की अदालत ने बुधवार को अपने फ़ैसले में किया.