केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में हलफ़नामा दायर करने के तीन दिन बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें कोरोना वायरस के एक स्वरूप ‘बी.1.617’ को ‘इंडियन वैरिएंट’ कहा गया था. सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा था कि वे अपने प्लेटफॉर्म से ‘इंडियन वैरिएंट’ संबंधी सामग्री को तुरंत हटा दें.
आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि गंगा किनारे शव मिलने की ऐसी तस्वीरें साल 2015 और 2017 में भी सामने आई थीं, लेकिन तब मीडिया ने ऐसा नहीं किया था.
भारत में 50 दिन बाद बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस महामारी के सबसे कम 152,734 नए मामले आए हैं. इस अवधि में 3,128 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 329,100 हो गई है. वहीं, विश्व में अब तक 35.41 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
कोविड-19 संबंधी आलोचनात्मक रिपोर्टिंग को लेकर सरकार की कार्रवाई के संदर्भ में व्यंगात्मक लहज़े में ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने की, जो उस तीन सदस्यीय पीठ की अगुवाई कर रहे हैं, जो कि इस महामारी के प्रबंधन पर स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा सांसद गौतम गंभीर के पास बड़ी मात्रा में फैबीफ्लू मिलने की जांच करने वाले औषधि नियामक की रिपोर्ट ख़ारिज करते हुए कहा कि इस संस्था से अदालत का भरोसा डगमगा गया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि ख़ुद को मददगार दिखाने के लिए हालात का फायदा उठाने की प्रवृत्ति की कड़ी निंदा होनी चाहिए.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र ने न तो उचित टीकाकरण मुहिम शुरू करने, न ही ऑक्सीजन वितरण और न ही किसी अन्य चीज़ के लिए प्रबंध किए. ये संदेश दिया कि हमने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीत ली है. अब इसका ख़ामियाज़ा लोग भुगत रहे हैं. यदि उचित तैयारी होती, तो ऐसे हालात कभी पैदा नहीं होते.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन ख़रीद रही है, जबकि थोड़ा भंडार अभी थोड़ा है और सरकारी अस्पतालों में इसका इस्तेमाल हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में हमें इंजेक्शन की 2,000 शीशियां और मिलेंगी,जबकि हमने 5,000 और शीशियां का ऑर्डर दिया है.
केंद्र ने अगस्त से दिसंबर के बीच 2.2 अरब टीके उपलब्ध करवाने की बात कही है, पर यह नहीं बताया कि इनमें से कितने देश में बनेंगे और कितने आयात होंगे. इस बात में कोई संदेह नहीं है कि टीकों की मौजूदा कमी नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच उत्पादकों को वैक्सीन का प्री-ऑर्डर देने में मोदी सरकार की नाकामी का नतीजा है.
कोविड-19 के इलाज में आयुर्वेदिक दवाओं के प्रभाव पर सवालों के बीच आयुष मंत्रालय ने घोषणा की है कि वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले कोविड मरीज़ों को आयुष 64 और कबसुरा कुदिनेर नामक दो आयुर्वेदिक दवाएं वितरित करेगा.
एक अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि शवों के सम्मानजनक निपटारे के लिए पंचायत, राज्य व केंद्र के स्तर पर त्रिस्तरीय समिति का गठन किया जाए. उन्होंने यह भी मांग की है कि गंगा नदी के क्षेत्र को इकोलॉजिकली संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जाए, जिसकी सुरक्षा और संरक्षण करने की ज़रूरत है.
स्टेन स्वामी उन 16 शिक्षाविदों, वकील और कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जिन्हें एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ़्तार किया गया था. उन पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं समेत कठोर यूएपीए क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक अस्पतालकर्मी कहता है कि अस्पताल को 700 रुपये का भुगतान भाजपा विधायक रवि सुब्रमण्या को करना होता है, जिन्होंने वैक्सीन का प्रबंध किया है. बीते दिनों बेंगलुरु सिटी पुलिस ने कथित कोविड-19 बेड बुकिंग घोटाले के संबंध में बोम्मानहल्ली से भाजपा विधायक सतीश रेड्डी के सहयोगी बाबू को गिरफ़्तार किया है.
उत्तर प्रदेश में बलरामपुर ज़िले के सीएमओ ने बताया कि इस संबंध में नगर कोतवाली में मामला दर्ज करा दिया गया है. इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि शव सिद्धार्थनगर ज़िले के शोहरतगढ़ के रहने वाले प्रेम नाथ मिश्र का है और 28 मई को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 27,894,800 पर पहुंच गई है और अब 325,972 लोग इस महामारी से जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण का आंकड़ा 17 करोड़ के क़रीब पहुंच गया है, 35.33 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि कुछ निजी अस्पताल कुछ होटलों के साथ मिलकर कोविड टीकाकरण के लिए पैकेज दे रहे हैं, जो राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए जारी दिशानिर्देशों के विपरीत है.