अमेरिका ने यात्रा परामर्श जारी करते हुए अमेरिकी नागरिकों से जल्द से जल्द भारत से निकलने के लिए कहा है. उसने कहा कि ऐसा करना सुरक्षित है क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच सभी तरह की चिकित्सीय देखभाल के संसाधन सीमित हो गए हैं.
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण कार्य जारी है. केंद्र सरकार ने इस परियोजना को आवश्यक सेवाओं के दायरे में रख दिया है और निर्माण कार्य में लगे मज़दूरों की आवाजाही की मंज़ूरी दे दी गई है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि महामारी की स्थिति के बीच चारधाम यात्रा का संचालन संभव नहीं है. बीते हफ़्ते हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यात्रा संबंधी एसओपी जारी करने का निर्देश देते हुए कहा था कि चारधाम यात्रा को दूसरा कुंभ बनने नहीं दिया जा सकता.
जिनेवा के एक मीडिया अधिकार निकाय द प्रेस एंब्लेम कैंपेन की रिपोर्ट बताती है कि 26 अप्रैल तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमण से कम से कम 107 पत्रकारों की मौत हुई है और इस तरह से भारत केवल ब्राज़ील (181 मौतें) और पेरू (140 मौतें) से पीछे है. रिपोर्ट के मुताबिक़ बीते दो हफ़्तों में भारत के 45 पत्रकारों की मौत हुई है.
उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के नवाबगंज सीट से भाजपा विधायक केसर सिंह गंगवार के निधन के बाद उनकी मौत पर सवाल उठने लगे हैं. कथित तौर पर उनके द्वारा लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पत्र में उन्होंने अपनी मौत से दो दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिखकर अपने लिए मैक्स अस्पताल में बेड की मांग की थी. हालांकि उन्हें वहां जगह नहीं मिल पाई. बाद में बरेली प्रशासन ने उन्हें नोएडा के
भारत में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने भारत को ज़रूरत पड़ने पर एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला से मदद का प्रस्ताव दिया था, जिसके जवाब में उन्हें बताया गया कि इसकी ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारत के पास यथोचित ‘मज़बूत व्यवस्था’ है.
अगर भाजपा सरकार को कोविड की दूसरी लहर के बारे में पता नहीं था, तब यह लाखों को इकट्ठा कर रैली कर रही थी, या संक्रमण के प्रकोप को जानते हुए भी यह रैली कर रही थी, दोनों ही सूरतें बड़ी सरकारी नाकामी की मिसाल हैं. पता नहीं था तो ये इस लायक नहीं है कि गद्दी पर रहें और अगर मालूम था तो ये इन हत्याओं के लिए सीधे ज़िम्मेदार हैं.
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने अपने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की कीमत राज्यों के लिए 400 रुपये कर दी थी, जिसकी काफ़ी आलोचना हो रही थी. भारत बायोटेक ने भी कोवैक्सीन की कीमत बढ़ा दी है. इस बीच गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला की सीआरपीएफ के सुरक्षाकर्मी सुरक्षा करेंगे.
ओडिशा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि किसी भी क़ैदी को इस आधार पर कोविड टीकाकरण से वंचित न रखा जाए कि वह कोविन पोर्टल पर पहचान संबंधी दस्तावेज़ों के अभाव में ख़ुद को पंजीकृत नहीं कर सका. अदालत ने कहा ऐसे क़ैदियों को टीका लगाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं होनी चाहिए.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के निर्वतमान विधायक गौरी शंकर दत्ता 2016 के विधानसभा चुनाव में नादिया ज़िले के तेहत्ता क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे. तृणमूल कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बीते 10 मार्च को वह भाजपा में शामिल हो गए थे. बीते 17 अप्रैल को बीरभूम ज़िले के मुरारई सीट से टीएमसी के निर्वतमान विधायक अब्दुर रहमान की भी कोविड-19 से मौत हो गई थी.
अमूमन कुंभ मेला हर बारह साल पर लगता है, लेकिन इस बार हरिद्वार में हुआ कुंभ पिछली बार हुए आयोजन के ग्यारह साल बाद हुआ क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने से कहीं अधिक ज़रूरी ज्योतिषियों को ख़ुश रखना था.
कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप की वजह से दिल्ली में मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. एक शवदाह गृह पर पिता के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे व्यक्ति ने कहा कि अगर अस्पताल में आप मरीज़ को ऑक्सीजन नहीं दे पा रहे हैं, तब कम से कम श्मशान घाट पर कुछ जगह उपलब्ध करा दीजिए, ताकि लोग आराम से दुनिया छोड़ सके.
पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर द्वारा उनके क्षेत्र में कोरोना के इलाज में काम आने वाली दवा निशुल्क बांटे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या वे ऐसी दवाइयां बांट सकते हैं और क्या वे इन्हें खरीद सकने के पात्र हैं.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण से एक दिन में मरने वालों की संख्या पहली बार तीन हज़ार का आंकड़ा पार कर गई. संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 17,997,267 हो गए है और 201,187 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल 14.87 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं, जबकि 31.35 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
ऑक्सीजन टैंकरों को विभिन्न राज्यों द्वारा रोकने के संबंध में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सहित हर राज्य से यह अपेक्षा की जाती है कि वह ऑक्सीजन की आवाजाही को बाधित न करें. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से अस्पतालों में समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आ सकती है, जो संकट के इस समय में जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है.