इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मिज़ोरम, असम, मणिपुर, नगालैंड, मेघालय और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.
केंद्र की मोदी सरकार में सत्ता का जो स्वरूप दिखाई दे रहा है, कुछ वैसा ही स्वरूप माकपा शासित राज्यों में दिखाई देता था.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में नगालैंड, त्रिपुरा, असम, मेघालय, मिज़ोरम और सिक्किम के प्रमुख समाचार.
समारोह में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश में कुछ चुनाव ऐसे होते हैं जो इतिहास में दर्ज हो जाते हैं, त्रिपुरा का चुनाव उन्हीं में से एक है.
भाजपा के वाई. पैटन को उपमुख्यमंत्री और 10 अन्य मंत्रियों को भी गोपनीयता की शपथ दिलाई गई, जिसमें एक निर्दलीय और जेडीयू विधायक भी शामिल हैं.
जन गण मन की बात 206वीं कड़ी में विनोद दुआ मूर्तियों की तोड़फोड़ और भारत में मांसाहार पर चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की 24वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी त्रिपुरा चुनाव में भाजपा की जीत और वहां हुईं हिंसा की घटनाओं पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद और भाजपा नेता एजाज़ इल्मी के साथ चर्चा कर रही हैं.
जन गण मन की बात 205वीं कड़ी में विनोद दुआ जान-बूझकर कर्ज न चुकाने वाले बैंक डिफॉल्टरों और पूर्वोत्तर के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत पर चर्चा कर रहे हैं.
राज्य में भाजपा के सहयोगी आईपीएफटी के प्रमुख एनसी देबबर्मा ने आशंका जताते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि बड़ा घटक दल होने के कारण भाजपा महत्वपूर्ण विभाग हमारे विधायकों को नहीं देगी.
जिशनु देब बर्मन राज्य के उपमुख्यमंत्री होंगे. त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा और आईपीएफटी ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 43 सीटों पर जीत दर्ज की है.
नेशनल पीपल्स पार्टी के प्रमुख कोनराड संगमा को 34 विधायकों का समर्थन है. 21 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी कांग्रेस.
दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया शहर में लगी थी लेनिन की मूर्ति. भाजपा कार्यकर्ताओं पर प्रतिमा ढहाने का आरोप. इस दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए.
कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में अपना 96% वोट बेस गंवा दिया. 5 साल में 36% वोट शेयर से गिरकर 1.4% पर पहुंच जाने पर कांग्रेस को गंभीर आत्ममंथन की ज़रूरत है.
मीडिया बोल की 39वीं कड़ी में उर्मिलेश पूर्वोत्तर के चुनावी नतीजों और श्रीदेवी की मौत से जुड़ी रिपोर्टिंग पर पत्रकार संदीप भूषण और द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरूआ पिशारोती से चर्चा कर रहे हैं.
आईपीएफटी प्रमुख ने कहा बिना आदिवासियों के समर्थन के भाजपा को बहुमत मिलना मुमकिन नहीं था, इसलिए सदन का नेता आदिवासी होना चाहिए.