स्वच्छ भारत: शौचालयों के अपशिष्ट निस्तारण का इंतज़ाम न होने से भूजल दूषित होने का ख़तरा

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग 14.4 करोड़ घरेलू शौचालयों के 72 करोड़ लोगों के इस्तेमाल से प्रतिदिन औसतन एक लाख टन अपशिष्ट निकलता है. इसके उचित निस्तारण के इंतजाम नहीं होने पर अपशिष्ट से जमीन और भूजल के दूषित होने का खतरा है.

केंद्र सरकार ने गांधीजी को ‘वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक’ बना दिया है: इतिहासकार इरफ़ान हबीब

इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने महात्मा गांधी पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार ने एक राष्ट्रपिता के रूप में गांधी की विरासत को भुलाते हुए उनके क़द को स्वच्छ भारत मिशन तक सीमित कर दिया है.

मीडिया बोल, एपिसोड 69:  उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर और सर्जिकल स्ट्राइक का जश्न

मीडिया बोल की 69वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश उत्तर प्रदेश में जारी एनकाउंटर और सर्जिकल स्ट्राइक दिवस का जश्न मनाने पर सामाजिक कार्यकर्ता नदीम ख़ान और वरिष्ठ पत्रकार नीना व्यास से चर्चा कर रहे हैं.

जब हार्वर्ड की गीता हार्डवर्क वाले मोदी से मिलेंगी, तो बैकग्राउंड में नोटबंदी के भाषण बजेंगे!

नरेंद्र मोदी ने कम से कम एक ऐसा आर्थिक समाज तो बना दिया है जो नतीजे से नहीं नीयत से मूल्यांकन करता है. मूर्खता की ऐसी आर्थिक जीत कब देखी गई है? गीता गोपीनाथ जैसी अर्थशास्त्री को नीयत का डेटा लेकर अपना नया शोध करना चाहिए.

किसान क्रांति यात्रा: किसानों को दिल्ली में घुसने से रोका गया, बरसाए गए आंसू गैस के गोले

बीते सोमवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किसानों की हुई बैठक विफल रही और किसानों ने दिल्ली आने के निर्णय को वापस नहीं लिया.

स्वच्छता अभियान: सरकार को नहीं पता सीवर सफाई के दौरान कितनों की गई जान, कितनों को मिला मुआवज़ा

विशेष रिपोर्ट: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के पास यह जानकारी भी नहीं है कि देश में कुल कितने सफाईकर्मी हैं. 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1993 से लेकर अब तक सीवर में दम घुटने की वजह हुई मौतों और मृतकों के परिवारों की पहचान कर उन्हें 10 लाख रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया गया था.

लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के वेतन-भत्तों पर चार साल में 19.97 अरब रुपये ख़र्च: आरटीआई

इस भुगतान का हिसाब लगाने से पता चलता है कि हर लोकसभा सांसद को प्रत्येक वर्ष औसतन 71.29 लाख रुपये का वेतन-भत्ता मिला, जबकि हर राज्यसभा सांसद को इस मद में प्रत्येक साल औसतन 44.33 लाख रुपये की रकम अदा की गई.

भीमा-कोरेगांव हिंसा में आरोपी संभाजी भिड़े के ख़िलाफ़ दंगों के मामले वापस लिए गए: आरटीआई

आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिणपं​थी नेता संभाजी भिड़े और उनके संगठन शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ छह मामले दर्ज किए गए थे. इसके अलावा भाजपा और शिवसेना नेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज मामले भी महाराष्ट्र सरकार द्वारा वापस लिए गए.

भीमा-कोरेगांव हिंसा: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कार्यकर्ता गौतम नवलखा की नज़रबंदी ख़त्म की

गौतम नवलखा ने कहा कि नज़रबंदी के दौरान, पाबंदियां लागू होने के बावजूद इस अवधि को अच्छी तरह से इस्तेमाल किया, इसलिए मुझे कोई शिकायत नहीं है.

आंबेडकर केवल 10 साल के लिए आरक्षण चाहते थे: सुमित्रा महाजन

रांची में एक कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सवाल उठाया कि क्या शिक्षा और नौकरियों में हमेशा के लिए आरक्षण दे देने से देश में समृद्धि आ जाएगी.

क़र्ज़ में डूबी एयर इंडिया का केंद्र सरकार पर 1,146 करोड़ रुपये बकाया

आर्थिक संकट से जूझ रही सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया पर यह बकाया वीवीआईपी चार्टर उड़ानों का है, जिसमें सर्वाधिक 543.18 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय का है.

पीटीआई से 297 लोगों को नौकरी से निकालने के ख़िलाफ़ आए पत्रकार संगठन

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा देश भर से करीब 300 कर्मचारियों की 'अवैध छंटनी' के विरोध में पीटीआई एम्प्लॉइज फेडरेशन ने संस्थान के सीईओ वेंकी वेंकटेश को पत्र लिखा है. वहीं दिल्ली पत्रकार यूनियन ने श्रम मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है.

गुजरात में अमूल डेयरी के छह निदेशकों ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार किया

कांग्रेस विधायक और कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले निदेशकों में से एक राजेंद्रसिंह परमार ने कहा कि यह अमूल का कार्यक्रम था लेकिन भाजपा ने उसे राजनीतिक कार्यक्रम बना डाला.

मोदी राज की मेहरबानी- अमीरों के 3 लाख करोड़ लोन माफ़ हुए, मंत्री ने ट्वीट तक नहीं किया

मोदी सरकार के चार सालों में 21 सरकारी बैंको ने 3 लाख 16 हज़ार करोड़ के लोन माफ़ किए हैं. यह भारत के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के कुल बजट का दोगुना है. सख़्त और ईमानदार होने का दावा करने वाली मोदी सरकार में तो लोन वसूली ज़्यादा होनी चाहिए थी, मगर हुआ उल्टा. एक तरफ एनपीए बढ़ता गया और दूसरी तरफ लोन वसूली घटती गई.

‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता निराशाजनक’

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संतोषजनक बताते हुए भोजन के अधिकार पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने कहा कि आधार लिंक नहीं करा पाने की वजह से कई लोगों को कल्याणकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया, जिसकी वजह से लगभग 20 लोगों की मौत हो चुकी है.