‘खीर’ का ज़िक्र कर कौन-सी ‘खिचड़ी’ पका रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा?

बिहार में यादव समुदाय की आबादी करीब 15 प्रतिशत और कुशवाहा समुदाय की करीब 8 फीसदी है. ऐसे में अगर उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए छोड़ कर राजद के साथ जाते हैं, तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है.

नोटबंदी: न ख़ुदा ही मिला न विसाल ए सनम

सरकार का कहना था कि बंद किए गए नोटों में से लगभग 3 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में वापस नहीं आएंगे और यह काले धन पर कड़ा प्रहार होगा, लेकिन रिज़र्व बैंक मुताबिक अब नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का प्रतिशत 99 के पार पहुंच गया है. यानी या तो इन नोटों में कोई काला धन था ही नहीं या उसके होने के बावजूद सरकार उसे निकालने में विफल रही.

देश में संविधान लागू है और क़ानून अपना काम कर रहा है

रोजगार नहीं है. उत्पादन घट गया है. किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हो रहा है. हेल्थ सर्विस चौपट हो चली है. शिक्षा-व्यवस्था डांवाडोल है. मुस्लिम ख़ामोश हो गया है. दलित चुपचाप है लेकिन आवाज़ नहीं उठनी चाहिए क्योंकि देश में क़ानून अपना काम कर रहा है.

अब पराया लगता है यह देश

हम देश के एक छोटे से क़स्बे में पले-बढ़े लेकिन उस दौर में लोगों का दिलो-दिमाग राजनीति ने इतना छोटा नहीं था, जबकि देश का विभाजन हुए बहुत अरसा भी नहीं बीता था. नफ़रत की ऐसी आग नहीं लगी हुई थी, जैसी आज लगी है.

उत्तर प्रदेश: भैंस चोरी के शक़ में भीड़ द्वारा युवक की पीट-पीटकर हत्या

घटना बरेली ज़िले के भोलापुर डिंडोलिया गांव की है. युवक दुबई में दर्जी का काम करता था और छुट्टियां मनाने अपने घर लौटा था. मामले में चार आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

जानबूझकर क़र्ज़ न लौटाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का ब्योरा सार्वजनिक करें: सीआईसी

सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि छोटा-मोटा क़र्ज़ लेने वाले किसानों को बदनाम किया जाता है जबकि 50 करोड़ रुपये से अधिक क़र्ज़ लेकर उसे सही समय पर न लौटाने वालों को क़ाफी मौके दिए जाते हैं.

50 और 100 रुपये के नकली नोटों की संख्या में हुई बढ़ोतरी: रिजर्व बैंक

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में 2017-18 वित्तीय वर्ष में 50 और 100 रुपये के नकली नोटों में बीते वर्षों की अपेक्षा रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है. 50 रुपये के नोटों में 154.3 प्रतिशत, तो 100 रुपये के नोटों में क़रीब 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई.

‘प्रतिरोध की हर आवाज़ का अपराधीकरण कर रही है सरकार’

वीडियो: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से हुई सामाजिक कार्यकताओं की गिरफ्तारी पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

डूबे क़र्ज़ की समस्या से निजात नहीं, 2018-19 में और बढ़ेगा एनपीए: रिज़र्व बैंक

रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि एनपीए 31 मार्च, 2018 तक बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये के ऊपर पहुंच गया है, जो 31 मार्च, 2015 तक तीन लाख करोड़ रुपये था.

मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून: समिति ने राजनाथ की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह को रिपोर्ट सौंपी

पिछले एक साल में नौ राज्यों में करीब 40 लोगों की हत्या भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जा चुकी है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने का निर्देश दिया था.

मणिपुर मुठभेड़: 356 जवानों द्वारा ‘उत्पीड़न’ के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका चिंताजनक क्यों है?

यह क़दम इस बात का संकेत देता है कि सैनिकों को यह लगता है कि आफ्सपा लागू होने के बावजूद उस पर अन्यायपूर्ण तरीक़े से मुक़दमा चलाया जा रहा है. सर्वोच्च न्यायालय का फ़ैसला चाहे जो भी आए, मगर ऐसा लगता है कि सैनिक अपने धैर्य के आख़िरी बिंदु पर पहुंच गया है.

संपादकीय: सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी देश में लोकतंत्र की चिंताजनक स्थिति का संकेत है

जैसे-जैसे 2019 आम चुनाव क़रीब आ रहे हैं, एक नई कहानी को बढ़ावा दिया जा रहा है- कि दुश्मन देश के अंदर ही हैं और ये न केवल सरकार और उसकी नीतियों, बल्कि देश के ही ख़िलाफ़ हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 296: नोटबंदी पर आरबीआई की रिपोर्ट और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी

जन गण मन की बात की 296वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी पर आरबीआई की ​हालिया रिपोर्ट और भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ़्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं पर चर्चा कर रहे हैं.