भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के सदस्य कोबाड गांधी को छह मामलों में ज़मानत दे दी गई.
एनजीटी ने कहा कि केवल इतना प्रतिबंध लगाया था कि किसी भी श्रद्धालु या किसी भी व्यक्ति को अमरनाथ महाशिवलिंग के समक्ष खड़े होने के दौरान शांति बनाए रखनी चाहिए.
कांग्रेस ने कहा, यह देश के लिए एक दुखद दिन है क्योंकि चुनाव आयोग ने संविधान की अवमानना की. भाजपा की कठपुतली की तरह काम कर रहा चुनाव आयोग.
रैगर के समर्थन में हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा गुरुवार को रैली निकाले जाने की ख़बर के चलते पड़ोसी जिले उदयपुर में लगी धारा 144. इंटरनेट सर्विस भी सस्पेंड.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा, बाबासाहब अंबेडकर ने बौद्ध धर्म तब अपनाया जब उन्हें भरोसा हो गया कि दलितों को हिंदू धर्म में न्याय नहीं मिलेगा.
भारत ने प्रमुखता से उठाई खाद्य सुरक्षा से जुड़ा सार्वजनिक खाद्य भंडारण का मुद्दा, अमेरिका स्थायी समाधान ढूंढने की प्रतिबद्धता से पीछे हटा, भारत जैसे विकासशील देशों को निराशा.
जम्मू कश्मीर: स्कूल अध्यक्ष ने कहा कि ये शिक्षक शादी से पहले रोमांटिक रिलेशनशिप में थे, जिसका छात्रों पर गलत असर पड़ता. अध्यापक ने कहा पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने एनपीए को यूपीए सरकार के दौर का सबसे बड़ा घोटाला बताया.
कांग्रेस ने आचार संहिता के उल्लंघन के लिए मोदी-शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, भाजपा पर पत्रकारों को धमकाने का आरोप लगाया.
केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के उल्लंघन के चलते पूरे देश में असमिया चैनल का तीन दिन और गुजराती चैनल का 1 दिन का प्रसारण बंद रहेगा.
बाबरी विध्वंस के 25 साल: बाबरी विध्वंस के बाद छिड़े सांप्रदायिक दंगों की आंच बंबई तक भी पहुंची थी. लोगों का कहना है कि वे इससे आगे बढ़ चुके हैं पर मुस्लिमों पर हुए हमलों की हालिया घटनाएं उन्हें डराती हैं.
जन गण मन की बात की 163वीं कड़ी में विनोद दुआ, भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की पाकिस्तानी अफ़सरों से मुलाकात और चीन पर चर्चा कर रहे हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री ने पाक से सांठगांठ के आरोप पर किया फिर पलटवार, अमित शाह ने पूछा, मनमोहन सिंह का गुस्सा तब कहां था जब नज़रों के सामने लूट हो रही थी.
हम भी भारत की 13वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, मणिशंकर अय्यर पर नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर अशोक टंडन और अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रही हैं.
मायावती ने आरोप लगाया कि निकाय चुनाव के बाद सस्ती राजनीति की शुरुआत स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने केवल भाजपा के विजयी मेयरों को प्रधानमंत्री निवास बुलाकर की.