मध्य प्रदेश: ‘जल जीवन मिशन’ में हर घर पानी तो नहीं पहुंचा, लेकिन ब्लैकलिस्ट कंपनी को फायदा ज़रूर पहुंचा

'जल जीवन मिशन' के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के दावों की पोल खोलती पहली किश्त के बाद यह दूसरी किश्त बताती है कि किस तरह ज़मीनी स्तर पर इस योजना को लागू करने में धांधली चल रही है.

सेनाएं अग्निपथ योजना में बदलाव के लिए सरकार के समक्ष मांग रखने पर विचार कर रही हैं: रिपोर्ट

सशस्त्र बल सरकार के समक्ष सबसे पहला प्रस्ताव यह रखने का विचार कर रहे हैं जिसके तहत सेना में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 कर दिया जाए. यह संशोधन इसलिए ताकि सेना में स्नातकों को शामिल किया जाए, जिन्हें तीनों सेवाओं में तकनीकी नौकरियों के लिए तैयार किया जा सकता है.

आधार कार्ड का नागरिकता से लेना-देना नहीं, ग़ैर-नागरिकों को दिया जा सकता है: यूआईडीएआई

कलकत्ता हाईकोर्ट पश्चिम बंगाल में कई आधार कार्ड अचानक निष्क्रिय और पुनः सक्रिय कर देने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई रहा है, जहां भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि देश में क़ानूनन आने वाले ग़ैर-नागरिकों आधार प्राप्त कर सकते हैं.

यूपी: अग्निपथ पर विवाद के बीच 22 वर्षीय अग्निवीर ने आत्महत्या की

बताया गया है कि बीते 2 जुलाई को आगरा वायु सेना स्टेशन पर बलिया के रहने वाले एक 'अग्निवीर' ने कथित तौर पर ख़ुदकुशी कर ली. इसी सप्ताह विपक्षी दल कांग्रेस ने अग्निपथ योजना पर सवाल खड़े करते हुए इसके तहत भर्ती रंगरूटों के बीच बढ़ती आत्महत्याओं का मुद्दा उठाया था.

गुजरात: सालों की क़ानूनी लड़ाई के बाद अडानी समूह को आवंटित की गई ज़मीन वापस लेगी सरकार

गुजरात सरकार ने साल 2005 में कच्छ ज़िले में मुंद्रा बंदरगाह के पास 231 एकड़ चरागाह भूमि अडानी पोर्ट्स को आवंटित की थी, जिसके ख़िलाफ़ ग्रामीणों ने अदालत का रुख़ किया था. अब सरकार ने कोर्ट में बताया है कि वह अडानी समूह से ज़मीन वापस लेगी.

नीट-यूजी दोबारा कराने के ख़िलाफ़ केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा, कहा- ईमानदार छात्र होंगे प्रभावित

शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केवल यह स्वीकार किया है कि नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं, धोखाधड़ी और कदाचार के मामले सामने आए हैं. सरकार ने पेपर लीक का कोई जिक्र नहीं किया है.

समलैंगिक विवाह पर अपने फैसले की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट, 10 जुलाई को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष 17 अक्टूबर को अपने फैसले में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था. इसके ख़िलाफ़ दायर की गईं पुनर्विचार याचिकाओं पर अब मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी.

मुंबई: क्रिकेट टीम की ‘विक्ट्री परेड’ में उमड़ी भीड़ में कई घायल, लोगों को हुई सांस लेने में तक़लीफ़

ऐसा अनुमान है कि मुंबई में आयोजित विश्वविजेता भारतीय क्रिकेट टीम की विक्ट्री परेड के दौरान 3,00,000 प्रशंसक सड़कों पर आ जुटे थे. गौरतलब है कि दो ही दिन पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक धार्मिक आयोजन में जुटी लाखों की भीड़ के बीच मची भगदड़ में 123 लोग मारे गए थे.

कर्नाटक: नाबालिग के यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व सीएम येदियुरप्पा को अदालत में पेशी के लिए समन जारी

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा पर उनसे मदद मांगने आई एक 17 वर्षीय लड़की के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है. मामले पर बेंगलुरू की एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो रही है, जिसने येदियुरप्पा को 15 जुलाई को पेश होने कहा है.

दिल्ली दंगा: शरजील इमाम, अन्य की ज़मानत याचिका पर सुनवाई से हाईकोर्ट जज ने ख़ुद को अलग किया

वर्ष 2020 के दिल्ली दंगों के कथित षड्यंत्र से जुड़े मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कॉलर शरजील इमाम और अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि मामले को ऐसी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए जिसके सदस्य जस्टिस शर्मा न हों.

बिहार: पुलों के लगातार ढहने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, राज्य के सभी पुलों के ऑडिट की मांग की

बिहार में पिछले 17 दिनों में 12 पुल ढह गए हैं. इनमें पुराने और निर्माणाधीन, दोनों तरह के पुल शामिल हैं. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में बिहार सरकार से निर्माणाधीन सहित राज्य के सभी पुलों की उच्च-स्तरीय संरचनात्मक ऑडिट करने के निर्देश देने की मांग की गई है.

अपनी दो सहोदर कंपनियों को पछाड़कर राजस्थान सरकार का ठेका पा गई एएनआई

द वायर की पड़ताल में सामने आया है कि राजस्थान सरकार के कार्यक्रमों की लाइव स्ट्रीमिंग का ठेका पाने वाली एएनआई के अलावा जिन दो कंपनियों ने इसके लिए बोली लगाई थी, उन दोनों के निदेशक भी वही लोग हैं जो एएनआई मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं.

अग्निपथ योजना के बाद फौजियों के गांव में सेना से दूरी, वीज़ा न मिलने पर डंकी मारने से नहीं चूकते

इस योजना ने इन गांवों और युवाओं का जीवन किस तरह प्रभावित किया है? क्या अब ये फौजियों के गांव नहीं कहलाए जाएंगे? जीवन का एकमात्र सपना बिखर जाने के बाद ये युवक अब क्या कर रहे हैं? क्या सेना को इस योजना की आवश्यकता है? क्या सेना के आधुनिकीकरण के लिए यह एक अनिवार्य कदम है?

इन प्रश्नों की पड़ताल के लिए द वायर ने देश के ऐसे कई इलाकों की यात्रा की. इस सिलसिले में पहली क़िस्त हरियाणा

‘अग्निवीरों’ का नया निशान: लोहा, लकड़ी और किराने की दुकान

मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में सेना में जाने की लम्बी परम्परा रही है. मसलन, अब तक हर भर्ती में मुरैना के काजी बसई गांव के 4-5 युवक सेना में चुने जाते थे. अग्निपथ योजना आने के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि गांव से कोई नहीं चुना गया. सेना की भर्ती पर निर्भर रहते आये ये युवक अब अनजाने काम खोज रहे हैं.

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