केंद्रीय बजट में मुस्लिमों को क्या मिला है?

इस बजट में मुसलमानों के उत्थान और उनकी शिक्षा के लिए चल रही तमाम योजनाओं में कटौती की गई है. यह स्पष्ट है कि भाजपा के लिए मुसलमान का कोई मोल नहीं है.

मोदी सरकार का ‘किंगमेकरों’ के साथ का अंजाम क्या पिछले उदाहरणों से अलग रहेगा?

देश में किंगमेकरों की राजनीति का इतिहास बताता है कि आमतौर पर वह सुखांत नहीं होती क्योंकि न किंगमेकर अपनी स्थिति का लाभ उठाने में संयम बरत पाते हैं, न ही 'किंग' उनकी सारी मांगें पूरी कर पाते हैं.

अरुणा रॉय का संस्मरण सिर्फ उनका नहीं, एक पूरे सामुदायिक आंदोलन का संस्मरण है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: अरुणा रॉय अथक स्वप्नदर्शी कर्मशील हैं. उन्होंने मौलिक नवाचार किया है पर वे जड़ों पर भी जमी रही हैं. उनके संस्मरण में ‘मैं’ बहुत सहजता से ‘हम’ में बदलता रहता है.

बंगनामा: झाल मूढ़ी का तड़का और आर्थिकी

झाल मूढ़ी बंगाल की खाद्य संस्कृति का एक प्रतीक है. बीते दशकों में मूढ़ी के उत्पादन और खपत दोनों में बढ़ोत्तरी हुई. लेकिन क्या इसके उत्पादकों की तरक्की हुई है? बंगनामा स्तंभ की छठी क़िस्त.

एमपी: कॉन्वेंट स्कूल के प्रिंसिपल पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप, एबीवीपी ने की एफआईआर

मामला गुना के वंदना कॉन्वेंट स्कूल का है, जहां प्रिंसिपल सिस्टर कैथरीन वॉटोली पर असेंबली में एक छात्र को संस्कृत श्लोक पढ़ने से रोकने का आरोप लगा है. स्कूल का कहना है कि उक्त कार्यक्रम में पहले से ही छात्रों को अंग्रेजी में बोलने का निर्देश दिया गया था.

बृजभूषण के उत्पीड़न की व्यापकता उनके ख़िलाफ़ दर्ज आपराधिक आरोपों से कहीं अधिक: रिपोर्ट

खेलों और अधिकारों से जुड़े वैश्विक संगठन स्पोर्ट्स एंड राइट्स एलायंस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों को लेकर जारी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ संघर्ष कर रहे पहलवानों के साथ खड़े होने, या उन्हें समाधान देने में विफल रहा.

कांवड़ विवाद: योगी के क़रीबी यशवीर महाराज ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला निराशाजनक बताया

'रावण ने सीता का अपहरण भेष बदलकर किया था. मुसलमान जब मुस्लिम बस्ती में अपने होटल चलाते हैं, उसका नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर नहीं रखते.'
पढ़िए रासुका के तहत जेल जा चुके मुज़फ़्फ़रनगर के यशवीर महाराज का साक्षात्कार.

अरुणा रॉय: देवडूंगरी की दीपशिखा

इस देश के गांवों में बसने वाले लोगों को साथ लेकर बदलाव की मुहिम शुरू करना और एक बदलाव को सामने ला देना एक बड़ी बात है. अरुणा रॉय ने यह कर दिखाया है.

धर्म के नाम पर हिंसा करना लोकप्रिय हो गया है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने का ठेका न तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को, न भाजपा को, न किसी राजनेता को मिला हुआ है. ये सभी स्वनियुक्त ठेकेदार हैं, जिनका सामाजिक आचरण हिंदू धर्म के बुनियादी सिद्धांतों से मेल नहीं खाता.

‘अग्निवीर भर्ती घोटाला’? कम अंक वाले उम्मीदवार का हुआ चयन, अधिक अंक वाले अभ्यर्थी बाहर

सितंबर-नवंबर 2022 में जबलपुर में हुई अग्निपथ की परीक्षा पर अभ्यर्थियों ने धांधली का आरोप लगाया है. हाल ही में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सेना को निर्देश दिया है कि इस भर्ती के दौरान चयनित हुए सभी उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का ख़ुलासा किया जाए.

रूपेश कुमार सिंह: 731 दिन की क़ैद, शोषण और जेल व्यवस्था के ख़िलाफ़ संघर्ष

झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में 17 जुलाई 2022 को गिरफ़्तार किया गया था. इन दो सालों में उन्होंने चार जेलों में समय बिताया है. पढ़िए उनके संघर्ष की कथा...

चेन्नई, पुणे, चंडीगढ़, दिल्ली: प्रधानमंत्री की संस्था में भर्ती परीक्षा पर देश भर में लगे नए आरोप

परीक्षा केंद्रों पर सामूहिक नकल का माहौल था. पर्यवेक्षक कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे. कहीं से नहीं लग रहा था कि भारत सरकार की प्रमुख वैज्ञानिक संस्था में भर्ती की परीक्षा हो रही है. गुजरात की कंपनी एडुटेस्ट द्वारा आयोजित परीक्षाओं पर पढ़ें द वायर हिंदी की पड़ताल की तीसरी क़िस्त.  

‘हिंदू समाज ने राजनीतिक ग़ुलामी भोगी, लेकिन वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसा कायर कभी नहीं रहा’

पुस्तक अंश: जो अपने घोषित सिद्धांतों पर नहीं टिक सकता और जो सुविधा के मुताबिक सिद्धांत बदलता रहता है वह कायर है या वीर?

शहर कब अपने लेखक को याद करना सीखेंगे

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: साहित्य के अपने समाज के अलावा व्यापक हिंदी समाज में कौन इलाहाबाद को निराला-महादेवी के शहर, बनारस को प्रसाद-रामचंद्र शुक्ल के शहर, पटना को दिनकर-नागार्जुन-रेणु के शहर की तरह जानता-पहचानता है?

बंगनामा: आधी चुस्की चाय का रहस्य

भारत का एक चौथाई चाय उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है. यहां चाय पीने का पुराना रिवाज भी है. लेकिन अगर बंगाल के निवासियों को यह पेय इतना पसंद है तो इतने छोटे बर्तन में चाय क्यों पीते हैं? बंगनामा स्तंभ की पांचवीं क़िस्त.

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