गुजरात में भाजपा की मामूली अंतर से जीत को लेकर राजनीति दलों में छिड़ा वाकयुद्ध. शिवसेना और सपा ने कहा- गुजरात मॉडल की पोल खुली, गहलोत बोले- भाजपा की उल्टी गिनती शुरू.
हम भी भारत की 14वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम के मद्देनज़र नरेंद्र मोदी के अजेय होने की संभावना पर चर्चा कर रही हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा, गुजरात ने मुझे सिखाया कि क्रोध, धन और बल को आप प्यार और भाईचारे से टक्कर दे सकते हैं.
अशफ़ाक़ उल्ला ख़ां, रामप्रसाद बिस्मिल और रौशन सिंह के शहादत दिवस (19 दिसंबर) पर उनकी मांओं और परिवार के दुर्दशा की कहानी.
मेहसाणा जिले की दो विधानसभाओं- ऊंझा, वडनगर और बेचराजी में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है.
गुजरात में अपनी कमज़ोरियों के कारण कांग्रेस भले ही बाज़ी नहीं पलट पायी, लेकिन मतदाताओं ने पिछली बार से डेढ़ दर्जन ज़्यादा सीटें देकर साफ कर दिया है कि वे ‘अपने’ प्रधानमंत्री के ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ के आह्वान को कान नहीं दे रहे.
अगर हिंदुत्ववादी आख्यान का जादू इस देश में चलेगा तो इससे यही प्रमाणित होता है कि भारत की राजनीति में विचारधारा की मौत नहीं हुई है. वह अगर दक्षिणपंथ के रूप में जिंदा है तो उसके वामपंथी या मध्यमार्गी होने की संभावना भी है.
मीडिया बोल में उर्मिलेश विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रो. अपूर्वानंद और पत्रकार अशोक टंडन से चर्चा कर रहे हैं.
अगरतला में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं तो उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, जीवन पद्धति है हिंदुत्व.
हिंदी कविता में जब कुछ बड़े कवियों की धूम मची थी, अदम गोंडवी अपने श्रोताओं और पाठकों को गांवों की उन तंग गलियों में ले गए जहां जीवन उत्पीड़न का शिकार हो रहा था.
यूपी सरकार का दावा, किसान पाठशाला के ज़रिये दस लाख किसानों को शिक्षित किया. किसानों ने कहा- व्यावहारिक स्तर पर कार्यक्रम हुआ ही नहीं, केवल कागजों तक सीमित है.
मोदी अगर सरदार पटेल को अपना नेता मानते हैं तो फिर उन्हें पटेल की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता पर अमल करते हुए हिंदू राष्ट्र के लिए हथियार उठाने का आह्वान करने वाले सिरफिरे पर कार्रवाई करनी चाहिए.
शंभूलाल हमारे अचेतन की पैदाइश है. हिंदुत्व का मध्यवर्गीय नायक, जो हमारे सेकुलर सपनों और बहुलतावादी चेहरे को जला देता है.
जन गण मन की बात की 165वीं कड़ी में विनोद दुआ बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता और गुजरात चुनाव में बुनियादी मुद्दों की अनदेखी पर चर्चा कर रहे हैं.
राजसमंद में अफ़राज़ुल की बर्बर हत्या के बावजूद प्रधानमंत्री गुजरात में मुसलमान-पाकिस्तान का समीकरण बैठा रहे थे.