वीडियो: केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के सहयोगी दलों के साथ समीकरण और जम्मू कश्मीर में बढ़े आतंकी हमलों को लेकर द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: बिहार के पूर्णिया से नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव का कहना है कि निर्दलीय चुनाव लड़ने के बावजूद वे ख़ुद को कांग्रेसी ही मानते हैं और उनका समर्थन कांग्रेस को है. उनसे बातचीत.
एडीआर और कॉमन कॉज़ की चुनाव आयोग को मतदाताओं की संख्या से संबंधित फॉर्म 17 सी का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का निर्देश देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के इनकार और आयोग के आचरण को लेकर उठते संदेह पर सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पहली बार सूबे में हो रहे मतदान और दिल्ली लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' गठबंधन की स्थिति पर कश्मीर के पत्रकार आकाश हसन और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: पिछले दस सालों में देश की राजनीति के साथ हिंदी सिनेमा में भी अहम बदलाव देखने को मिले हैं. जहां एक ख़ास तरह के सिनेमा को आसानी से फंडिंग आदि मिल रही है, वहीं उद्योग के कई प्रतिभाशाली लोगों, विशेषकर वो जो भाजपा की विचारधारा से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते, के सामने मुश्किलें आ रही हैं. इस बारे में अभिनेता सुशांत सिंह से बात कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.
पिछले दिनों शिक्षण संस्थानों से जुड़े दो मामले सामने आए. पहला था एक प्राइवेट विश्वविद्यालय 'गलगोटिया यूनिवर्सिटी' के कथित राजनीतिक इस्तेमाल का, वहीं दूसरा मुंबई के एक प्राइवेट स्कूल का, जिसकी प्रिंसिपल को अपने राजनीतिक विचारों को व्यक्त करने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषणों में कांग्रेस के मुस्लिमों को 'अलग कोटा' देने के भ्रामक दावों, बसपा के भाजपा को फायदा पहुंचाने वाले चुनवी फैसलों और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों पर द वायर की संपादक सीमा चिश्ती और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सारिम नावेद के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद की तरफ से बीच चुनाव में जनसंख्या पर आधारित एक रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि मुसलमानों की आबादी में 43% की बढ़ोतरी हुई है और हिंदुओं की आबादी में 7% की कमी हुई है. हालांकि, यह पूरा सच नहीं है. इस सांप्रदायिक तिकड़मबाज़ी पर द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर से अजय कुमार की बातचीत.
कश्मीर की तीनों लोकसभा सीटों, श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी, में से किसी पर भी भारतीय जनता पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है. वहीं, इंडिया गठबंधन के दोनों घटक दल, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, के बीच सीट की साझेदारी पर कोई समझौता नहीं हो पाया. दोनों दल आमने-सामने हैं. जम्मू-कश्मीर से द वायर की ग्राउंड रिपोर्ट.
गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निर्विरोध चुने जाने के कुछ दिनों बाद मध्य प्रदेश के इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया और कुछ ही घंटों में भाजपा में शामिल हो गए. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि भाजपा के राजनीतिक माफिया ने इंदौर के 20 लाख मतदाताओं को वोट देने के अधिकार से वंचित कर लोकतंत्र की हत्या की है.
'बात भारत की' की पहली कड़ी में मणिपुर में शुरू हुई हिंसा के सालभर पूरे होने, पीएम मोदी के भाषणों में बढ़ते बेबुनियाद दावों और निर्वाचन आयोग द्वारा ओढ़ी गई चुप्पी पर वरिष्ठ पत्रकारों- निधीश त्यागी और संगीता बरुआ पिशारोती के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: देश के विमर्श में अब मतदाता शब्द कम प्रचलित है और इसकी जगह 'लाभार्थी' ने ले ली है. क्या यह बदलाव देश के नागरिकों के लिए ख़ुश होने की वजह है या उनके अधिकारों के लिए ख़तरा? पब्लिक पॉलिसी विशेषज्ञ यामिनी अय्यर से बात कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.
वीडियो: महाराष्ट्र की कोल्हापुर लोकसभा सीट पर 7 मई को मतदान होगा. यहां 'इंडिया' गठबंधन की ओर से छत्रपति शाहू महाराज 2024 लोकसभा के लिए चुनावी मैदान में हैं. वहीं, एनडीए दलों ने संजय मंडलीक को मैदान में उतारा है. क्षेत्र की राजनीति पर कोल्हापुर के मतदाताओं से बातचीत.
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रचार अभियान में पार्टी के स्टार प्रचारक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिमों पर निशाना साध रहे है और कांग्रेस के घोषणा पत्र का नाम लेते हुए भ्रामक और फ़र्ज़ी दावे कर रहे हैं. क्या उनके चुनावी भाषणों का स्तर और नीचे गिरेगा, इस बारे में चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
वीडियो: पिछले दस बरस देश की विभिन्न संस्थाओं के लिए भी महत्वपूर्ण रहे हैं. नरेंद्र मोदी के पिछले दस सालों के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश किस राह पर चले, संविधान के अभिभावक संवैधानिकता की कितनी रक्षा कर पाए, इस बारे में क़ानूनी मामलों पर लिखने वाले पत्रकार सौरव दास से बात कर रहे हैं द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज.