वीडियो: स्वतंत्रता सेनानी और भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के विचारों, योगदान, आज के समय में उन्हें याद रखने और उनकी परंपरा को आगे ले जाने की ज़रूरत पर हाल ही में आज़ाद पर प्रकाशित किताब के लेखक और प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफ़ेसर एस. इरफ़ान हबीब से महताब आलम की बातचीत.
वीडियो: बीते दिनों बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के बाद संस्थान के दफ़्तर पहुंचे आयकर विभाग और उद्योगपति गौतम अडानी के कारोबार को लेकर सवाल उठाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़े विवाद को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की बातचीत.
वीडियो: पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपी एक व्यक्ति को बीते दिनों भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया. वहां ईशनिंदा क़ानून विधायिका ने नहीं बनाया है. ब्रिटिश शासन से विरासत में मिले इस क़ानून में जनरल जिया उल हक़ सरकार ने संशोधन किए थे. क्या है यह क़ानून और इसका इतिहास, बता रहे हैं ज़ीशान कास्कर.
वीडियो: राजस्थान के भरतपुर ज़िले के रहने वाले जुनैद और नासिर बीते 14 फरवरी को किसी रिश्तेदार के यहां जाने के लिए निकले थे, लेकिन ज़िंदा वापस घर नहीं लौट सके. 16 फरवरी को ख़बर मिलती है कि उन्हें हरियाणा के भिवानी ज़िले में ज़िंदा जला दिया गया है. परिवार का दावा है कि बजरंग दल और मोनू मानेसर के लोगों ने उनकी हत्या की है.
वीडियो: हरियाणा के भिवानी में गाय के नाम पर होने वाली हिंसा के कथित मामले में जान गंवाने वाले जुनैद और नासिर राजस्थान के घाटमीका से थे. उनके गांव में शोक का माहौल है और लोग इंसाफ की मांग कर रहे हैं. द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.
वीडियो: हरियाणा के भिवानी में गाय के नाम पर होने वाली हिंसा का एक कथित मामला सामने आया है, जहां दो युवकों को अगवा कर उनकी गाड़ी में आग लगाकर मार देने का आरोप है. एफआईआर में मोनू मानेसर नाम के एक 'गोरक्षक' पर इस घटना को अंजाम देने का इल्ज़ाम है. क्या है मोनू मानेसर की कहानी, बता रहे हैं द वायर के ज़ीशान कासकर.
वीडियो: केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह यूपी के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट के लिए जा रहे थे. बीते 2 फरवरी को उन्हें दो साल से अधिक समय के बाद ज़मानत पर रिहा कर दिया गया. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: दिल्ली के महरौली इलाक़े में कई घरों को 'क़ब्ज़े की ज़मीन' पर बना हुआ बताते हुए गिराया जा रहा है, जबकि यहां के रहवासियों का कहना है कि वे इन घरों में कई सालों से रहते आ रहे हैं, हाउस टैक्स भी दे रहे हैं, साथ ही घर पर लोन भी चल रहा है. इस पूरे घटनाक्रम पर द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.
वीडियो: अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद कश्मीर में पत्रकारों की क्या स्थिति है, वे किन हालात में काम कर रहे हैं, क्या वे सुरक्षित महसूस करते हैं? इन विषयों को लेकर कश्मीर के कुछ पत्रकारों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: राजद के सांसद मनोज झा ने बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उनका पूरा संबोधन.
वीडियो: कथाकार ख़ालिद जावेद को उनके उर्दू उपन्यास ‘नेमत-ख़ाना’ के अंग्रेज़ी अनुवाद ‘द पैराडाइज़ ऑफ फूड’ के लिए वर्ष 2022 के प्रतिष्ठित जेसीबी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उनके जीवन, शिक्षा और लेखन के बारे में उनसे फ़ैयाज़ अहमद वजीह की बातचीत.
वीडियो: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ 'मोदी: द इंडिया क्वेश्चन' में क्या दिखाया गया है, वह जानना महत्वपूर्ण क्यों है और क्यों मोदी सरकार इसे दबाने की कोशिश कर रही है? इन बिंदुओं पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की बातचीत.
द हिंदू के पूर्व संपादक एन. राम ने मोदी सरकार द्वारा बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने को लेकर कहा कि उन्होंने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था इतनी नाज़ुक है कि उसे एक ऐसी डॉक्यूमेंट्री से ख़तरा है जो देश में प्रसारित नहीं हुई है और यूट्यूब/ट्विटर तक पहुंच रखने वाली बहुत कम आबादी द्वारा देखी गई है.
बीबीसी ने ब्रिटेन में प्रसारित ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री में कहा है कि ब्रिटेन सरकार की गोपनीय जांच में गुजरात दंगों के लिए नरेंद्र मोदी ज़िम्मेदार पाए गए थे. इस डॉक्यूमेंट्री के सामने आने के बाद साल 2002 में ब्रिटेन के विदेश सचिव रहे जैक स्ट्रा से वरिष्ठ पत्रकार करण थापर की बातचीत.
वीडियो: बीते दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक साक्षात्कार में कहा कि हिंदू समाज युद्ध में है, इस लड़ाई में लोगों में कट्टरता आएगी. उनके इस बयान पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.