विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि 1,000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए लेकिन भारत में 11,082 की आबादी पर एक डॉक्टर है. देश में पांच लाख डॉक्टरों की कमी है. एम्स जैसे संस्थानों में पढ़ाने वाले डॉक्टर शिक्षकों की 70 फीसदी कमी है. इस हक़ीक़त पर पर्दा डालने के लिए योग का प्रोपेगैंडा करना ही होगा.
एएमयू को एक लड़की की गुस्ताख़ी पसंद नहीं आई, इसलिए एक ऐसा नारा जो इस्लामिक भी नहीं है उस पर हायतौबा मची है. ये देखना भी कम दिलचस्प नहीं है कि यूनिवर्सिटी किसी ज़िम्मेदार शैक्षणिक संस्थान की तरह व्यवहार करने की बजाय फ़तवे की किताब खोलकर बैठ गई है.
उत्तर प्रदेश कौशाम्बी ज़िले की चायल सीट से भाजपा विधायक संजय कुमार गुप्ता ने बिजली विभाग पर हिंदुओं का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया.
साक्षात्कार: यलगार परिषद के सुधीर धवले की गिरफ़्तारी के साथ दलित समाज के प्रति भाजपा और मीडिया के रवैये पर भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर से प्रशांत कनौजिया की बातचीत.
मराठी लेखक विनय हार्दिकर ने सवाल उठाया कि आपातकाल के दौरान जेल में डाल दिए गए लोगों की तुलना में आरएसएस के कार्यकर्ता अधिक थे. क्या सरकार उन्हें नकद पुरस्कार देना चाहती है.
वीडियो: मैला ढोने के कार्य से जुड़े श्रमिकों की वर्तमान स्थिति और पुनर्वास पर सफाई कर्मचारी आंदोलन के समन्वयक और मैगसेसे पुरस्कार विजेता बेज़वाड़ा विल्सन से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
सतना ज़िले के अमगार गांव में बीते 17 मई को गोहत्या के शक में गांव के दो मुस्लिम युवकों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था, जिसमें एक की मौत हो गई थी और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया था.
केरल में 15 दिन से जारी बारिश की वजह से अब तक 45 लोगों की मौत. दिल्ली-एनसीआर में धुंध की वजह से प्रदूषण बरक़रार. पंजाब और हरियाणा में धूल भरी धुंध से थोड़ी राहत.
भाजपा सांसद उदित राज ने कहा कि दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाएं इसलिए बढ़ रहीं हैं क्योंकि किसी के मन में क़ानून का कोई डर नहीं रह गया है.
सरकार द्वारा जारी एक आंकड़े के अनुसार देश के 12 राज्यों के करीब 53 हज़ार से ज़्यादा लोग मैला ढोने के काम में लगे हुए हैं.
अदालत ने एक मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि पोक्सो क़ानून की जानकारी न होने से युवाओं का जीवन ख़राब हो रहा है. इससे लोगों को अवगत कराना ज़रूरी है.
राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि इस तरह के कार्यक्रम से बच्चों में नैतिकता पैदा होगी.
महिलाओं ने सुसाइड नोट में लिखा कि समलैंगिक संबंधों को लेकर समाज के रवैये से हो रही थीं मुश्किलें. तीन साल बेटी को भी नदी में फेंका.
जयंती विशेष: ‘बिस्मिल’ से मिलने गोरखपुर जेल पहुंचीं उनकी मां ने डबडबाई आंखें देखकर उनसे पूछा-तुझे रोकर ही फांसी चढ़ना था तो क्रांति की राह क्यों चुनी?
इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा कि सत्ता को पहले अंग्रेज़ों द्वारा दिए गए नामों से परेशानी थी. अब चाहे वह सड़क हो या पार्क, जो कुछ भी मुगल या इस्लामिक पहचान से जुड़ा है उसे बदला जा रहा है.