असम पुलिस ने कछार ज़िले में 16 जुलाई को एक मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को मारने का दावा किया था. इनमें से एक 35 वर्षीय जोशुआ भी थे. उनके परिजनों ने मुठभेड़ को फर्ज़ी क़रार देते हुए कहा है कि वह मणिपुर के फेरज़ावल ज़िले के सेनवोन गांव के निवासी थे और अदरक, चावल तथा सब्जियों की खेती करते थे.
असम पुलिस ने कछार ज़िले में 16 जुलाई को मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को मारने का दावा किया था. अब पूर्वोत्तर के हमार जनजाति के शीर्ष संगठन हमार इनपुई ने घटना की निंदा करते हुए इन्हें 'न्यायेतर हत्याएं' करार दिया है, जहां गिरफ़्तारी के 24 घंटे के भीतर ही उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया गया.
दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. पुलिस ने 30 सैन्यकर्मियों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया था. केंद्र सरकार ने 2023 में आरोपी सैन्यकर्मियों पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.
घटना जिरीबाम ज़िले की है. शनिवार रात आतंकवादियों के साथ गोलीबारी के बाद रविवार सुबह केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम कथित तौर पर तलाशी अभियान चला रही थी, तभी उन पर हमला किया गया.
इससे पहले, खासी छात्र संघ और अन्य संगठनों के सदस्यों पर शिलांग के लैतुमखराह और पोलो क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों पर हमला करने का आरोप लगा था. मार्च और अप्रैल महीने में कुछ गैर-आदिवासी श्रमिकों को पीट-पीटकर मार डालने की भी ख़बरें भी सामने आई थीं.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य के कुकी और मेईतेई समुदाय के बीच शांति वार्ता शुरू होने की बात कही, पर कुकी संगठनों ने कहा है कि उन्हें ऐसी किसी भी 'शांति वार्ता' की कोई जानकारी नहीं है. सीएम केंद्र और आम जनता के सामने अपनी साख बचाने के लिए मीडिया में नौटंकी की है.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बैठक के दौरान उन्हें बताया कि उनकी सरकार बांग्लादेश से आए ज़ो जनजाति के लोगों को वापस नहीं भेज सकती है. राज्य के गृह विभाग के मुताबिक, 2022 से बांग्लादेश के लगभग 2,000 ज़ो जनजाति के लोगों ने मिज़ोरम में शरण ली है.
असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफ़ान से अब तक 56 लोगों की जानें जा चुकी हैं. पिछले कुछ दिनों में नगालैंड में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है. वहीं, मणिपुर में लगातार बारिश के चलते सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं.
यूनाइटेड किंगडम में रहने वाले भारतीय मूल के एक प्रोफेसर पर मणिपुर में जातीय हिंसा भड़काने की एफआईआर की निंदा करते हुए कुकी छात्र संगठन ने कहा कि यह कार्रवाई राज्य सरकार की कमियां बताने वालों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति को दिखाती है.
नगालैंड में चुनावी राजनीति ने महिलाओं का विरोध होता आया है. सरकार ने शहरी निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया था, जिसके बाद आदिवासी इकाइयों ने कड़ा विरोध किया है. इस हफ्ते दो दशकों में पहली बार यह चुनाव हुए हैं, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज हुआ.
पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों का नाम बदलकर 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' किया था. मिज़ोरम और नगालैंड ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी और चर्च व नागरिक समाज की ओर से विरोध हो सकता है.
मणिपुर के कुकी-ज़ो समुदाय ने राज्य के चार ज़िलों में रैलियां निकालते हुए जातीय हिंसा को समाप्त करने और आदिवासियों के लिए ‘केंद्र शासित प्रदेश’ बनाने की मांग उठाई. वहीं, मेईतेई बहुल इंफाल घाटी में महिलाओं ने रैली कर कुकी-ज़ो समुदाय की अलग प्रशासन की मांग का कड़ा विरोध किया.
घटना असम के शिवसागर ज़िले की है, जहां एक घर से मोबाइल फोन चोरी करने के संदेह में दो लोगों की भीड़ ने बेरहमी से पिटाई की. पुलिस टीम ने दोनों लोगों को बचाया और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि कि भाजपा ने असमिया लोगों और आदिवासियों के लिए काम किया, लेकिन बांग्लादेशी मूल के अल्पसंख्यकों ने सत्तारूढ़ पार्टी को वोट नहीं दिया.
मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने एक साक्षात्कार में कहा कि 14 महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चूड़ाचांदपुर, कांगपोकपी या मोरेह जैसे अशांत क्षेत्रों में बहुसंख्यक समुदाय के न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति संभव नहीं है.