सभी नगा जनजातीय समूहों के शीर्ष संगठन ‘नगा होहो’ ने बीते बृहस्पतिवार को दावा किया कि एनएससीएन-आईएम ने एक मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर के आधार पर अलग झंडा और संविधान की मांग की है.
असम में इस समय छह डिटेंशन केंद्रों में हज़ार से अधिक लोग बंद हैं. राज्य के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो जाने के बाद हिंदू, बौद्ध, जैन और ईसाइयों को डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा जाएगा.
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और असम सरकार को 18 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि असम एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.
असम पब्लिक वर्क (एपीडब्ल्यू) नामक संगठन के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि सरकार पर यह पता लगाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है कि एक अधिकारी जिसने 1,600 करोड़ रुपये का सरकारी धन ख़र्च किया हो, वह ख़र्च की विस्तृत रिपोर्ट जमा किए बिना कैसे असम छोड़ सकता है.
सर्बानंद सोनोवाल सरकार का फ़ैसला सरकार के वर्तमान कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा. 2021 के बाद राज्य में नौकरी के लिए नए सिरे से आवेदन करने वाले लोग इस नए नियम के दायरे में आएंगे.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ द्वारा जारी आदेश में तत्काल प्रभाव से प्रतीक हजेला का तबादला मध्य प्रदेश करने को कहा गया है, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई गई है.
पूर्वोत्तर के राज्यों में लंबे समय से नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में आवाज़ उठती रही हैं. गृहमंत्री अमित शाह की इस विधेयक को लाने की हालिया घोषणा के बाद मणिपुर, मेघालय और नगालैंड में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
इसी साल अप्रैल महीने में आफस्पा क़ानून को तीन जिलों से आंशिक रूप से हटा दिया गया था. हालांकि, तिराप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों के साथ कुछ थाना क्षेत्रों में इसे 30 सितंबर तक लागू रखने का फैसला किया था, जिसे अब 31 मार्च, 2020 तक बढ़ा दिया.
पशुपालन विभाग की एक योजना में सरकारी धन में अनियमितता के दोषी मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग पर निर्वाचन क़ानून के तहत छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक थी, जो 2024 तक प्रभावी रहती. चुनाव आयोग ने इसे घटाकर एक साल एक महीने कर दिया है.
साक्षात्कार: असमी भाषा की फिल्म ‘राग’ और बोडो भाषा की फिल्म ‘जोलै: द सीड’ की निर्देशक और अभिनेत्री रजनी बसुमतारी से प्रशांत वर्मा की बातचीत.
हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि मंदिरों में बलि त्रिपुरा के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के सार को नहीं दर्शाता इसलिए बलिदान के लिए ऐसे जानवर की पेशकश करने में राज्य की कार्रवाई न तो भारतीय संविधान के तहत स्वीकार्य है और न ही किसी अन्य क़ानून के तहत मान्य है.
असम में अंतिम एनआरसी 31 अगस्त को जारी की गई थी, जिसमें 19 लाख से ज़्यादा आवेदकों के नाम शामिल नहीं थे. एनआरसी में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं हैं उन्हें अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के 120 दिन के भीतर विदेशी नागरिक न्यायाधिकरण में अपील दायर करनी होगी.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार जिन रजिस्टर्ड वोटर का नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं आया है, वे डी-वोटर नहीं कहलाएंगे. असम में डाउटफुल या संदिग्ध वोटर उन मतदाताओं की श्रेणी है, जिनकी नागरिकता संदेह के घेरे में होती है.
असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नया एनआरसी फिर से तैयार होगा, साथ ही नागरिकता संशोधन विधेयक को दोबारा संसद में पेश किया जाएगा.
त्रिपुरा के राजपरिवार से आने वाले प्रद्योत देबबर्मन ने फरवरी में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाला था. इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होंने कहा कि अब यह चिंता नहीं करनी होगी कि कौन-सा सहकर्मी धोखा देगा, किसी गुटबाज़ी में नहीं पड़ना होगा. भ्रष्ट लोगों को बड़े पद पर बैठाने के लिए 'हाई कमान' की नहीं सुननी होगी.