आयकर विभाग ने मीडिया समूह पर 700 करोड़ की कर चोरी, फंड की हेराफेरी का आरोप लगाया

दैनिक भास्कर समूह के खिलाफ बीते गुरुवार से जारी छापेमारी के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने रविवार को दावा किया कि उसे मीडिया समूह के 2200 करोड़ रुपये के कथित फर्जी लेन-देन का पता चला है. इसके साथ ही उसने भारत समाचार एवं उससे जुड़े व्यवसाय पर करीब 200 करोड़ रुपये का बिना हिसाब का लेनदेन होने का आरोप लगाया है.

स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों के इस्तेमाल से चिंतित हैं: एडिटर्स गिल्ड

आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में दो प्रमुख मीडिया समूहों- दैनिक भास्कर और उत्तर प्रदेश के हिंदी समाचार चैनल भारत समाचार के परिसरों पर बीते 22 जुलाई को छापा मारा था. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि दैनिक भास्कर द्वारा कोविड-19 महामारी पर की गई उस गहन रिपोर्टिंग की पृष्ठभूमि के ख़िलाफ़ ये छापेमारी की गई हैं, जिसमें सरकारी अधिकारियों द्वारा घोर कुप्रबंधन और मानव जीवन के भारी नुकसान को सामने लाया गया था.

मणिपुर: ‘गोबर से कोविड का इलाज न होने’ की बात कहने के चलते जेल में डाले गए पत्रकार रिहा

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम ने भाजपा अध्यक्ष एस. टिकेंद्र सिंह की कोविड-19 महामारी से निधन के बाद फेसबुक पर एक व्यंगात्मक पोस्ट करते हुए लिखा था कि गोमूत्र और गोबर काम नहीं आया. बीते मई महीने में गिरफ़्तारी के तुरंत बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें जेल में डालकर एनएसए लगा दिया था.

केंद्र का जासूसी के आरोपों की जांच से इनकार, केंद्रीय मंत्री ने रिपोर्ट को ‘अतिरंजित’ बताया

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत कई रिपोर्ट की श्रृंखला में द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा बताया गया है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये निगरानी के लिए पत्रकारों, नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कुछ सरकारी अधिकारी व कारोबारियों को संभावित टारगेट के तौर पर चुना गया था.

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच योगी सरकार ने टीवी विज्ञापनों पर ख़र्चे 160 करोड़ रुपये

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार इस समयावधि में विज्ञापनों के लिए राष्ट्रीय समाचार चैनलों को 88.68 करोड़ व क्षेत्रीय चैनलों को 71.63 करोड़ रुपये मिले. जिन पांच हिंदी चैनलों को सर्वाधिक राशि मिली, उनमें न्यूज़18 इंडिया, आज तक, इंडिया टीवी, जी न्यूज़ और रिपब्लिक भारत शामिल हैं.

दैनिक भास्कर और भारत समाचार के दफ़्तरों पर छापा, मोदी सरकार आलोचना को दबाने का काम करती है

वीडियो: आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख टीवी समाचार चैनल भारत समाचार के यहां भी छापेमारी की. इस मुद्दे पर भारत समाचार की वरिष्ठ पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा, यूपी राजनीति के जानकार शरत प्रधान और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने झूठी ख़बरों को लताड़ा, कहा- पेगासस प्रोजेक्ट के तथ्यों के साथ हैं

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी इज़रायल इकाई द्वारा जारी एक हिब्रू बयान को ग़लत तरीके से उद्धृत करने, ग़लत अनुवाद करने और ग़लत व्याख्या करने वाली कुछ वेबसाइटों की ख़बरों को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है. संगठन की ओर से कहा गया है कि इन ख़बरों का इस्तेमाल मोदी सरकार द्वारा उन आरोपों को ख़ारिज करने के प्रयास में किया जा रहा है कि भारत में एक आधिकारिक एजेंसी पत्रकारों और विपक्षी राजनेताओं की जासूसी कर रही है.

आयकर विभाग ने दैनिक भास्कर मीडिया समूह और भारत समाचार के कई परिसरों पर छापे मारे

आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों में छापेमारी की है. वहीं, उत्तर प्रदेश स्थित टीवी समाचार चैनल भारत समाचार के दफ़्तर, उसके संपादक ब्रजेश मिश्रा और स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह के घरों पर भी छापा मारा गया है.

एडिटर्स गिल्ड ने पेगासस फोन टैपिंग आरोपों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था.

नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के राजस्व में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सबसे अधिक 10.64 करोड़ रुपये का राजस्व साल 2017-18 के दौरान हासिल हुआ, जबकि 2020-2021 में ये घटकर महज 1.02 करोड़ रुपये हो गया.

पत्रकारों की जासूसी की प्रेस संगठनों ने की निंदा, कहा- सरकार को ख़ुद को बेगुनाह साबित करना चाहिए

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, मुंबई प्रेस क्लब और इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स ने पत्रकारों, नेताओं और अन्य की जासूसी किए जाने की निंदा की है. द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था.

दो महिला पत्रकारों ने राजद्रोह क़ानून की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

‘द शिलॉन्ग टाइम्स’ की संपादक पेट्रीसिया मुखिम और ‘कश्मीर टाइम्स’ की मालिक अनुराधा भसीन ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार को ‘परेशान करने के साथ ही बाधित करना’ जारी रखेगी. पत्रकारों ने कहा है कि औपनिवेशिक समय के दंडात्मक प्रावधान का इस्तेमाल पत्रकारों को डराने, चुप कराने और दंडित करने के लिए किया जा रहा है.

पीएम मोदी की आलोचना करने पर आज तक ने पत्रकार श्याम मीरा को नौकरी से किया बर्ख़ास्त

वीडियो: इंडिया टुडे ग्रुप के समाचार चैनल आज तक में कार्यरत श्याम मीरा सिंह को ट्विटर पर प्रधानमंत्री की आलोचना करने के लिए नौकरी से बर्ख़ास्त कर दिया गया है. श्याम मीरा सिंह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. इस मामले पर श्याम मीरा सिंह से द वायर की बातचीत.

भारत में जासूसी: मोदी सरकार को देना होगा जवाब

वीडियो: द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था. इस मुद्दे पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के अपार गुप्ता से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

हिंदी के प्रमुख अख़बारों ने पत्रकारों, नेताओं और अन्य की जासूसी की ख़बर को नहीं दी प्रमुखता

पेगासस प्रोजेक्ट: 40 से ज़्यादा पत्रकारों, तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं, नरेंद्र मोदी सरकार में दो पदासीन मंत्री, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं सहित 300 से अधिक भारतीयों की इज़राइल के एक सर्विलांस तकनीक से जासूसी कराने की ख़बरों को देश की हिंदी पट्टी के प्रमुख अख़बारों ने या तो छापा नहीं है या इस ख़बर को महत्व नहीं दिया है.

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