मीडिया बोल: जेएनयू पर नक़ाबपोश हमले का सच और सत्ता

बीते रविवार शाम करीब तीन साढ़े घंटे तक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा हुई, जिसमें छात्रों समेत कई शिक्षक भी घायल हुए. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इस बारे में जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष गीता कुमारी, जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर पुरुषोतम अग्रवाल, स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव और वरिष्ठ पत्रकार शीतल सिंह के साथ चर्चा कर रहे हैं.

मीडिया का काम बुरी तरह प्रभावित, अविलंब इंटरनेट बहाल करे सरकार: कश्मीर प्रेस क्लब

कश्मीर प्रेस क्लब ने मीडिया के लिए इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने जानबूझकर ऐसी रोक लगाई है, ताकि सूचना के प्रवाह पर रोक लगाई जा सके.

पाकिस्तान: प्रसिद्ध फिल्मकार ने ‘डॉन’ अख़बार के सीईओ पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप

पाकिस्तान के मशहूर फिल्मकार जमशेद महमूद रज़ा ने अंग्रेज़ी अख़बार 'डॉन' के सीईओ हमीद हारून पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. उनका यह भी कहना है कि इन आरोपों का अख़बार से कोई लेना-देना नहीं है, वे बस यौन उत्पीड़न के अन्य पीड़ितों को हौसला देना चाहते हैं.

मीडिया बोल: सीएए-एनआरसी के विरोध पर यूपी में ज़ुल्म और नफ़रत की राजनीति

वीडियो: मीडिया बोल की में उर्मिलेश नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में देश भर में हो रहे प्रदर्शन पर सरकार और मीडिया के रवैये पर वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा, एनआर मोहंती और वकील अब्दुल रहमान से चर्चा कर रहे हैं.

बीते पांच साल में भारत में पत्रकारों पर 200 से अधिक गंभीर हमले हुएः रिपोर्ट

'गेटिंग अवे विद मर्डर' नाम के अध्ययन के मुताबिक 2014 से 2019 के बीच भारत में 40 पत्रकारों की मौत हुई, जिनमें से 21 पत्रकारों की हत्या की वजह उनके काम से जुड़ी थी.

सऊदी अरब: पत्रकार जमाल ख़शोगी हत्या मामले में पांच दोषियों को मौत की सजा

अक्टूबर 2018 में द वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार जमाल ख़शोगी की तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 11 आरोपियों में से पांच को फांसी और तीन को 24 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पूर्व शीर्ष सलाहकार सहित तीन आरोपियों को दोषमुक्त क़रार दिया गया है.

पत्रकारों के साथ पुलिस की हिंसा लोकतंत्र की आवाज का ‘गला घोंटना’ है: एडिटर्स गिल्ड

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का यह बयान उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग कर रहे कई पत्रकारों को हिरासत में लेने के बाद आया है.

मीडिया ब्रेकडाउन: मीडिया उनके हाथों में है जिनका काम पत्रकारिता नहीं रहा

जिस वक्त रिपोर्टिंग की ज़रूरत है, जाकर देखने की ज़रूरत है कि फील्ड में पुलिस किस तरह की हिंसा कर रही है, पुलिस की बातों में कितनी सत्यता है, उस वक्त मीडिया अपने स्टूडियो में बंद है. वह सिर्फ पुलिस की बातों को चला रहा है, उसे सत्य मान ले रहा है.

पत्रकार का आरोप, यूपी पुलिस ने हिरासत में बदसलूकी की और दाढ़ी नोचने की बात कही

अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिंदू’ के पत्रकार उमर राशिद को लखनऊ में भाजपा दफ्तर के पास एक रेस्तरां से बीते शुक्रवार को पुलिस ने हिरासत में लिया था. पत्रकार के अनुसार, पुलिस ने उन पर नागरिकता क़ानून के विरोध में लखनऊ में हुई हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया और उन पर सांप्रदायिक टिप्पणी भी की थी.

‘राष्ट्रविरोधी’ व्यवहार बढ़ाने वाली सामग्री को लेकर टीवी चैनलों को सरकार की दूसरी चेतावनी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 11 दिसंबर को जारी पहले परामर्श की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने सरकार से इसे वापस लेने का अनुरोध किया था. दूसरा परामर्श जारी होने बाद तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह सूचना पहुंचाने वाले को ही सजा देना है.

2019 में दुनियाभर में 49 पत्रकारों की हत्या हुई: रिपोर्ट

पेरिस स्थित निगरानी संगठन ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के प्रमुख क्रिस्टोफ डेलोयर ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों में अधिकतर पत्रकारों को उनके काम के लिए निशाना बनाया जा रहा है, जो कि लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है.

मीडिया बोल: नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन और पुलिसिया कार्रवाई

मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के बारे में वरिष्ठ पत्रकार आरती जैरथ, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर रिज़वान कैसर से चर्चा कर रहे हैं.

चैनलों को ‘राष्ट्रविरोधी’ सामग्री के प्रसारण संबंधी दिया परामर्श वापस ले सरकार: एडिटर्स गिल्ड

एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि देश में हो रही घटनाओं की ज़िम्मेदार कवरेज के लिए मीडिया की प्रतिबद्धता पर इस तरह के परामर्श से सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी टीवी चैनलों से कहा था कि वे ऐसी सामग्री दिखाने से परहेज करें जो ‘राष्ट्र विरोधी रवैये’ को बढ़ावा दे सकती है.

असम: समाचार चैनल का आरोप, पुलिस ने दफ़्तर में घुसकर की कर्मचारियों से मारपीट

असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के बीच गुवाहाटी के एक निजी समाचार चैनल ने कहा कि पुलिस द्वारा बिना किसी उकसावे के उनके दफ़्तर में घुसकर स्टाफ को पीटा गया. चैनल ने पुलिस से बिना शर्त माफ़ी मांगने को कहा है.

पूर्वोत्तर में प्रदर्शन के बीच सरकार ने ‘राष्ट्रविरोधी’ सामग्री को लेकर चैनलों को आगाह किया

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सामग्री के प्रति खासतौर पर सावधानी बरतें, जिनसे हिंसा को प्रोत्साहन मिलता हो या उससे हिंसा भड़कती हो या कानून-व्यवस्था बनाए रखने में समस्या पैदा होने की आशंका हो या फिर ऐसी घटनाएं, जो राष्ट्रविरोधी व्यवहार को बढ़ावा दे रही हों.

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