'मुख्यधारा' का मीडिया जहां चुनिंदा मसलों पर चुप्पी का रास्ता अपना रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया यह काम मुखरता से कर रहा है. जिन जटिल और महत्वपूर्ण मुद्दों को बड़े मीडिया संस्थान नज़रअंदाज़ कर देते हैं, वो अब मीम्स, वीडियो क्लिप्स की शक्ल में सरल और चुटीले स्वरूप में व्यापक दर्शकों तक पहुंच रहे हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कट्टरता का पाठ पढ़ाने वाले अवैध मदरसों और संस्थानों की समीक्षा होगी. प्रदेश में किसी तरह का अतिवाद और कट्टरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने ऐसे संस्थानों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं.
कांग्रेस सूरत की एक अदालत के इस फैसले के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में अपील करेगी. बीते 23 मार्च को गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के लिए उनके ख़िलाफ़ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सज़ा सुनाई थी. इसके बाद उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया.
भगोड़े हीरा कारोबारी जतिन मेहता के बेटे सूरज की शादी गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी की बेटी से हुई है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर मेहता को देश से भगाने का आरोप लगाया है. मेहता पर कई शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी समूह के साथ व्यापार करने का आरोप है. कांग्रेस ने सवाल किया कि इस बड़े खुलासे के बाद सीबीआई और ईडी ने क्या किया है?
कार्बी आंगलोंग ज़िला स्थित भाजपा कार्यालय में नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि हमसे जुड़ने वाले सदस्य पार्टी को और मजबूत करने के लिए काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार जीत हासिल करें.
कांग्रेस ने केंद्र से 2019 के पुलवामा हमले को लेकर श्वेतपत्र की मांग करते हुए कहा कि 'वह बताए कि हमला कैसे हुआ, इंटेलिजेंस की क्या विफलताएं थीं, जवानों को ले जाने के लिए विमान क्यों नहीं दिया गया, सुरक्षा में क्या चूक हुईं और सीआरपीएफ, गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पीएमओ की क्या भूमिका थी.'
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा द वायर को दिए एक साक्षात्कार में 'पुलवामा हमले को सरकारी ग़लती का नतीजा' बताने वाले बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि वैसे तो देश में कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इनकी सच्चाई सामने नहीं आई.
माकपा नेता वृंदा करात और केएम तिवारी द्वारा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के ख़िलाफ़ हेट स्पीच पर एफ़आईआर दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ख़ारिज कर चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है.
पूर्व उपराष्ट्रपति और एम. वेंकैया नायडू ने एक समारोह में कहा कि नेता पत्रकारों के सभी दृष्टिकोणों से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन उन्हें आलोचना को अपने पक्ष में लेना चाहिए. पत्रकारों को नेताओं और हस्तियों की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र महसूस करना चाहिए, अन्यथा लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा.
पत्रकार करण थापर से बातचीत में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गौतम अडानी और नरेंद्र मोदी के घनिष्ठ संबंधों से जुड़े आरोपों पर कहा, 'मालूम नहीं कि मोदी साहब को कोई सलाह देता है या नहीं, मैं दे रहा हूं कि मेहरबानी करके अडानी से हाथ छुड़ा लीजिए. लोग ये मानने लगे हैं कि अडानी के आर्थिक मामलों में इनकी दिलचस्पी है.'
पत्रकार करण थापर से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर की समस्या सिर्फ कश्मीरियों ने पैदा नहीं की है, पचास फीसदी दिल्ली ने पैदा की है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने कभी इस सूबे में निष्पक्ष चुनाव नहीं करवाए, एक बार तो नतीजे ही बदल दिए थे.
वीडियो: द वायर को दिए एक साक्षात्कार में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल उठाए.
पत्रकार करण थापर से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उनके एक मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे, जिन पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बजाय आनन-फानन में उनका तबादला करके मेघालय भेज दिया.
द वायर को दिए एक साक्षात्कार में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल उठाए है. इस संबंध में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलवामा हमले के दौरान प्रधानमंत्री के जिम कॉर्बेट पार्क में एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग में व्यस्त होने पर सवाल उठाए हैं.
पत्रकार करण थापर से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पुलवामा हमला केंद्रीय गृह मंत्रालय की अक्षमता और लापरवाही का नतीजा था.