कहा जाता है कि कांग्रेस में प्रत्याशी चुनाव लड़ता है, भाजपा में संगठन यह जिम्मेदारी संभालता है. इस बार भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं में उत्साह कम दिखाई दे रहा है.
जनतंत्र ख़ुद इंसाफ़ है क्योंकि वह अपनी ज़िंदगी के बारे में फ़ैसला करने के मामूली से मामूली आदमी के हक़ को स्वीकार करने और हासिल करने का अब तक ईजाद किया सबसे कारगर रास्ता है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की चौदहवीं क़िस्त.
बीते अप्रैल में राजस्थान के बांसवाड़ा से शुरू हुई भाषणों की श्रृंखला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुले तौर पर मुसलमानों को निशाना बनाते हुए झूठे दावे किए हैं कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी से आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है. भाजपा ने सोशल मीडिया पर भी अपने आधिकारिक एकाउंट से मुस्लिम विरोधी वीडियो डाले हैं.
बीते दिनों शिकायतकर्ता कांग्रेस, सीपीआई और सीपीआई (एम-एल) ने आरोप लगाया था कि राजस्थान के बांसवाड़ा में मोदी का भाषण, चुनावी रैलियों में राम मंदिर का बार-बार ज़िक्र करना और कांग्रेस के घोषणापत्र को मुस्लिम लीग का बताना आचार संहिता का उल्लंघन है, जिस पर चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी किया था.
लोकसभा चुनावों में उतरे भाजपा के 435 उम्मीदवारों में से 106 ऐसे नेता हैं जो पिछले दस वर्षों में पार्टी में शामिल हुए हैं. इनमें से 90 पिछले पांच साल में भाजपा में पहुंचे हैं.
कुंवर नारायण की कविता राम को सकुशल सपत्नीक वन में लौट जाने की सलाह देती है. लेकिन हमारे काव्यों ने तो उन्हें वहां से निकालकर युद्धक्षेत्र में भेज दिया था! आज फिर एक युद्ध चल रहा है और राम एक पक्ष के हथियार बना दिए गए हैं. कविता में जनतंत्र स्तंभ की तेरहवीं क़िस्त.
एक आराध्य का चुनाव भीड़ को जन्म देता है. एक नेता में आस्था जिससे कोई सवाल नहीं किया जा सकता, जिसकी सिर्फ़ जय-जयकार ही की जा सकती है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की बारहवीं क़िस्त.
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 96 लोकसभा सीटों पर 67.25 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, जबकि 2019 में इन्हीं सीटों पर 68.8 फीसदी मतदान हुआ था.
सवर्णों ने इस विमर्श को केंद्र में ला दिया है कि ओबीसी और दलित हिंदुत्व के रथी हो गए हैं. यह विमर्श इस तथ्य को कमज़ोर करना चाहता है कि ऊंची जातियां हिंदुत्व का केंद्र हैं, उसे विचार और ताक़त देती हैं. आज भाजपा यदि अपने विस्तार के अंतिम बिंदु पर दिखाई देती है तो उसकी वजह यह है कि वह गैर-ब्राह्मण समूहों में अपेक्षित पकड़ नहीं बना पाई है.
जनतंत्र में आशंका बनी रहती है कि जनता प्रक्रियाओं को लेकर निश्चिंत हो जाए और यह मानकर उन पर भरोसा कर बैठे कि वे अपना काम करते रहेंगे और जनतंत्र सुरक्षित रहेगा. मगर अक्सर यह नहीं होता. कविता में जनतंत्र स्तंभ की ग्यारहवीं क़िस्त.
श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में मतदान से एक दिन पहले रविवार को पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने पुलिस और सूबे के प्रशासन पर पक्षपात करने और उनके कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया.
इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम थे, जिन्होंने अंत समय में चुनाव लड़ने से इनकार करते हुए अपना नाम वापस ले लिया था और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. फिलहाल इस सीट पर निर्दलीय और छोटे दलों के 13 उम्मीदवार मैदान में हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि हम ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग और केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेंगे क्योंकि ये मामले क़ानूनी कार्रवाई के परिणामस्वरूप दर्ज नहीं किए गए हैं, बल्कि उत्पीड़ित करने के इरादे या चुनावों को बाधित करने के लिए लगाए गए हैं.
जनतंत्र मात्र वोट से नहीं चलता. वह संस्थानों, शक्तियों के विभाजन और उनकी निगरानी और उन पर नियंत्रण से ही चल सकता है. लेकिन इतिहास हमें बतलाता है कि कई बार स्वायत्त संस्थान अपनी स्वायत्तता सरकार के हवाले कर देते हैं.
कविता में जनतंत्र स्तंभ की दसवीं क़िस्त.
लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी चुनाव आयोग की विभिन्न गतिविधियों पर सवाल उठे हैं, जैसे कि चुनाव का लंबा कार्यक्रम और अनंतनाग में स्थगित चुनाव. इसके अलावा, आयोग ने प्रत्येक चरण में मतदान के बाद मतों की संख्या बताने और मीडिया से रूबरू होने की प्रथा भी छोड़ दी है.