गुजरात चुनाव राउंडअप: मोदी ने उठाया मंदिर और मणिशंकर मुद्दा. राहुल बोले हम गालियों का जवाब नहीं देंगे, पोल खुल जाने पर चुनावी एजेंडा बदल रहे मोदी.
लोकसभा और भाजपा से इस्तीफा दे चुके नाना पटोले ने कहा कि प्रधानमंत्री से ओबीसी मंत्रालय की मांग करने पर उन्होंने चिल्लाते हुए कहा कि ओबीसी को इसकी ज़रूरत नहीं.
मणिशंकर अय्यर के बयान से प्रधानमंत्री इतने आहत हो गए कि इसी पर वोट मांगने लगे. साथ भी यह भी पूछ डाला कि क्या मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान उनकी सुपारी देने गए थे?
गुजरात विधानसभा चुनाव: ब्लूटूथ से कनेक्ट होने की शिकायत पर चुनाव आयोग के इंजीनियर ने कहा कि आप अपने डिवाइस का जो भी नाम रखेंगे वह आपको मोबाइल की स्क्रीन पर दिखेगा.
मध्य प्रदेश के मंत्री ने कहा, अयोध्या जैसा आंदोलन दो बार और करना है. अभी तो अयोध्या मंदिर का हुआ. मथुरा एवं काशी के मंदिरों के लिए बाक़ी है.
गुजरात चुनाव राउंडअप: भाजपा ने एक दिन पहले पेश किया संकल्प पत्र. कांग्रेस ने की आलोचना. भाजपा-कांग्रेस में कड़े मुकाबले के आसार.
ग्राउंड रिपोर्ट: एक विधानसभा सीट वाले डांग ज़िले में रोज़गार के लिए पलायन और आदिवासियों की धार्मिक पहचान अहम मुद्दा है.
जन गण मन की बात की 161वीं कड़ी में विनोद दुआ मतदान से एक दिन पहले भाजपा द्वारा गुजरात में संकल्प पत्र जारी किए जाने पर चर्चा कर रहे हैं.
सरकारी खजाने को 19,576 करोड़ का लगाया चूना. नजदीकी अधिकारियों को नवाजे गए ऊंचे पद. विदेशी मुद्रा के नाम पर 10,651 करोड़ बाहर ले जाया गया और गुम हो गया.
अभिनेता प्रकाश राज ने भाजपा नेता अनंत कुमार हेगड़े को आड़े हाथों लेते हुए उनकी राजनीति पर सवाल उठाए.
पाकिस्तान सरकार ने आश्वासन दिया है कि पाकिस्तान प्रवास के दौरान जाधव की मां और पत्नी की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा. साथ ही उनके साथ एक भारतीय राजनयिक को रहने की अनुमति दी जाएगी.
लोकसभा और भाजपा से इस्तीफ़ा देने के बाद पटोले ने कहा भाजपा में लोकतंत्र बिल्कुल नहीं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सवाल सुनना पसंद नहीं.
प्रतियोगिताओं के नतीजों के आधार पर लखनऊ में राज्यस्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा.
गुजरात चुनाव राउंडअप: पूर्व पीएम ने कहा- गुजरात हर पैमाने पर हिमाचल, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से पीछे, राहुल ने पूछा- आदिवासी कल्याण योजना के 55 हजार करोड़ रुपये कहां गए.
ग्राउंड रिपोर्ट: ज़िले के विभिन्न गांवों में रहने वाले आदिवासियों का कहना है कि उनकी ज़िंदगियों से विकास कोसों दूर है.