जन की बात की 24वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवैध स्लॉटर हाउसों पर रोक और वित्त विधेयक पर चर्चा कर रहे हैं.
आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सरकार की हड़बड़ी पर आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर अर्थशास्त्री रीतिका खेड़ा के साथ चर्चा कर रहे हैं द वायर के अमित सिंह.
जन की बात की 23वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ देश में व्याप्त वीआईपी कल्चर और सत्ता के दुरुपयोग पर चर्चा कर रहे हैं.
जन की बात की 22वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ हिंसा की संस्कृति और देश में पानी की समस्या पर चर्चा कर रहे हैं.
हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर.
जन की बात की 21वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद को दोनों पक्षों के आपस में सुलझा लेने पर की गई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और हैपीनेस इंडेक्स में भारत की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
जन की बात की 20वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ तमिलनाडु के सूखा पीड़ित किसान और देशभक्ति की आड़ में मुद्दों को भटकाने की राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं.
जन की बात की 19वीं कड़ी में असम की गायिका नाहिद आफ़रीन के ख़िलाफ़ फतवे की अफ़वाह के बीच मीडिया की भूमिका और कानून मंत्रालय के नए टीवी चैनल पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ चर्चा कर रहे हैं.
जन की बात की 18वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ भारतीय राजनीति में विपक्ष की दशा और मणिपुर में इरोम शर्मिला की मिले 90 वोट पर चर्चा कर रहे हैं.
जन की बात की 17वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ मोदी सरकार के वादों और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की तानाशाही पर चर्चा कर रहे हैं.
‘जन की बात’ की 16वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव पर चर्चा कर रहे हैं.
‘जन की बात’ की 15वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ टीआरपी के लिए हो रहे एकतरफा और बेतुके मीडिया कवरेज और केंद्र सरकार की बहुप्रचारित ‘स्मार्ट सिटी’ योजना पर चर्चा कर रहे हैं.
‘जन की बात’ की 14वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ लिंग आधारित तनख़्वाह यानी एक ही काम के लिए महिलाओं के लिए अलग और पुरुषों के लिए अलग वेतन की परंपरा पर चर्चा कर रहे हैं. इसके अलावा केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के ‘हार्मोनल आउटबर्स्ट’ वाले बयान पर हुए बवाल की बात.
16 साल तक आफ्सपा के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल पर रहीं इरोम चानू शर्मिला अब इस क़ानून से लड़ने के लिए चुनाव के मैदान में हैं