वीडियो: टोक्यो ओलंपिक के भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक वाले एथलीट नीरज चोपड़ा का एक वीडिया सोशल मीडिया पर बीते 25 अगस्त को वायरल हो गया. इसमें वह कह रहे हैं कि कैसे वह ओलंपिक में अपने थ्रो से पहले थोड़ा परेशान हो गए थे, क्योंकि उन्हें भाला नहीं मिल रहा था. नीरज ने कहा कि बाद में उन्होंने पाकिस्तानी के एथलीट अरशद नदीम को उनके भाले से अभ्यास करते देखा. फ़िर नीरज ने उनसे अपना भाला लिया और
वीडियो: जब से तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता संभाली है, हिंदुत्ववादी संगठनों और आईटी सेल के माध्यम से भारत में इस्लामोफोबिया का लगातार प्रचार किया जा रहा है और इन सबके पीछे भारतीय मुसलमानों के प्रति जवाबदेही तय की जा रही है. इस मुद्दे पर डॉ. राम पुनियानी से मुकुल सिंह चौहान की बातचीत.
वीडियो: आपको किसी ऐसे अपराध के लिए सज़ा नहीं सुनाई जा सकती, जो अपराध था ही नहीं जब आपने उसे अंजाम दिया. इसी प्रकार से एक ही अपराध के लिए आपको दो बार सज़ा नहीं सुनाई जा सकती. आप पर ये दबाव भी नहीं बनाया जा सकता है कि आप अपने ही ख़िलाफ़ गवाही दें. आइए समझते है, भारत के संविधान का अनुच्छेद-20 को, जो इन तीनों बातों की संविधानिक सुरक्षा प्रदान करता है.
वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन हैनियोट्रैप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व महासचिव चेस्टरफील्ड थांगखियु की कथित मुठभेड़ में मौत के बाद शिलॉन्ग में भड़की हिंसा, असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 और असम-मिज़ोरम सीमा पर दोबारा हुई गोलीबारी को लेकर द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
वीडियो: 20 साल बाद तालिबान एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता में लौटा है. सत्ता हासिल करने के बाद तालिबान यहां शरिया क़ानून लागू करने जा रहा है, जिसके चलते वहां की महिलाएं काफ़ी ज़्यादा डरी हुई हैं. इतनी ज़्यादा कि वो अपने घरों से बाहर तक नहीं आ रही हैं. इस पूरे मामले पर विशेषज्ञ फ़ैज़ान मुस्तफ़ा का नज़रिया.
वीडियो: 20 साल बाद तालिबान ने एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया है, जिससे वहां के नागरिक दहशत में हैं और देश छोड़कर भाग रहे हैं. द वायर ने दिल्ली आए वहां के कई नागरिकों से बात की. इनमें से कई ऐसे भी थे, जिन पर तालिबान आतंकियों ने हमला किया था.
वीडियो: इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा किए गए ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण में पाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो पिछले साल तक देश के 66 प्रतिशत लोगों के लिए अगले प्रधानमंत्री के रूप में पहली पसंद थे. हालांकि इस लोकप्रियता में 24 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.
वीडियो: भारत ने अब तक तालिबान को लेकर कुछ नहीं कहा है. सरकार ने न काबुल में तालिबान के विरोध में कोई बयान दिया और न ही ऐसी कोई बात कही है, जिससे ज़ाहिर हो कि भारत भी रूस या चीन की तरह काबुल में तालिबान को क़बूल कर लेगा. भारत सरकार को इस बारे में अपना रुख़ स्पष्ट करना चाहिए.
वीडियो: अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के हालात भयावह हैं. तालिबान के डर से लोग अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर भाग रहे हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए चलते हुए विमान पर लटकने की कोशिश कर रहे हैं.
वीडियो: अफ़ग़ानिस्तान में लगभग दो दशकों में सुरक्षा बलों को तैयार करने के लिए अमेरिका और नाटो द्वारा अरबों डॉलर ख़र्च किए जाने के बावजूद तालिबान ने एक सप्ताह में लगभग पूरे देश पर क़ब्ज़ा कर लिया है. फ़िलहाल अमेरिका अपने बाकी बचे कर्मचारियों को निकालने में लगा हुआ है.
वीडियो: दिल्ली के द्वारका में हज हाउस बनने के विरोध में कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया था. इस संबंध में ऑल द्वारका रेज़िडेंट्स फेडरेशन की ओर से उपराज्यपाल को एक पत्रकर कहा था गया कि हज हाउस बनने से द्वारका का माहौल कश्मीर जैसा हो जाएगा. द्वारका के क़रीब 100 अन्य निवासियों ने इस पत्र का खंडन किया और हज हाउस बनने के समर्थन में सहमति दी है.
वीडियो: बीते 8 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम विरोधी हिंसक नारे लगे थे. उत्तम उपाध्याय उन लोगों में से एक हैं, जिन्हें वीडियो में ये नारे लगाते हुए देखा जा सकता है. इस कार्यक्रम के बाद से वह घर नहीं लौटे हैं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह वीडियो में किसी की पहचान नहीं कर पाई है, लेकिन द वायर ने उत्तम कुमार की पहचान की और उनके परिवार से बातचीत भी
वीडियो: देश में जातिगत जनगणना की मांग तेज़ हो गई है. इस मुद्दे पर सीएसडीएस में प्रोफेसर अभय दुबे, वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर लक्ष्मण यादव और सतीश देशपांडे से आरफ़ा खानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: पूर्वांचल का एकमात्र बनारस स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय एक साल पहले नौवीं कक्षा से ऊपर के लिए बंद कर दिया गया था. अब छात्र क्रमबद्ध विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से यह मुद्दा उठा रहे हैं. इसे सरकार और ट्रस्ट मिलकर चलाते हैं. पिछले साल ही ट्रस्ट के सदस्यों ने इसे बंद करने की बात कही थी. मात्र 250 छात्र वाले इस संस्थान को चलाने में जो ट्रस्टी सहयोग करते हैं, उनका कहना है सरकार अब इतनी मदद
वीडियो: क्या कुछ व्यापारों पर सरकार एकाधिकार कर सकती है? क्या शराब का व्यापार, मूल अधिकार माना जा सकता है? क्या कोई व्यक्ति पटाखे बनाने की फैक्ट्री को मूल अधिकार के रूप में मांग कर सकता है? क्या शैक्षणिक संस्थान चलाने वाले व्यापार कर रहे है? इन सभी सवालों पर हमारा संविधान क्या कहता है समझा रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.