ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया और उसकी पहल डेवलपमेंट इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा संयुक्त रूप से किए गए सर्वेक्षण का प्रमुख निष्कर्ष मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है, जिससे पता चलता है कि चिंता या एंग्जायटी अब केवल 'शहरी' लोगों की समस्या नहीं रह गई है.
रोज़ी रोटी अधिकार अभियान ने खाद्यान्न पाने के लिए राशन कार्डधारकों के ई-केवाईसी सत्यापन को रोकने की मांग करते हुए कहा कि एनएफएसए से बाहर रखे गए लोगों को राशन कार्ड जारी करने के बजाय सरकार की ऊर्जा मौजूदा कार्डधारकों के लिए और बाधाएं पैदा करने पर ख़र्च हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दलित-आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर प्रश्नचिह्न लगाया है, साथ ही यह महत्वपूर्ण प्रश्न भी प्रस्तुत कर दिया हैं कि आरक्षण के प्रावधान के बावजूद जो जातियां और वर्ग अब तक पिछड़े हैं, उनकी उन्नति का उत्तरदायित्व कौन लेगा?
शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि समलैंगिक लोगों, ट्रांसजेंडरों और महिला सेक्स वर्कर्स को रक्तदान से रोकने का दिशानिर्देश संविधान द्वारा निहित समानता और गरिमा के साथ जीने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
बीते 16 जुलाई को बेंगलुरु के एक मॉल में धोती पहने किसान को प्रवेश से रोक दिया गया था. अब बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने दिशानिर्देश तय किए हैं कि कोई मॉल, वाणिज्यिक परिसर आदि पारंपरिक पहनावे, भाषा, जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा अन्यथा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी.
एक ओर योगेंद्र यादव और बेला भाटिया का कहना है कि इससे आरक्षण का लाभ सर्वाधिक वंचित समुदाय तक पहुंच सकेगा, वहीं, कुछ नेता इसे 'फूट डालो राज करो' की संज्ञा देते हैं.
गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, देश की कोई भी विवाहित महिला अगर सरनेम बदलना चाहे तो उन्हें पति से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है. इस बारे में राज्यसभा में पूछे गए सवाल पर केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि ये नियम 'क़ानूनी झमेलों' से बचने के लिए ज़रूरी है.
केरल हाईकोर्ट ने एक नाबालिग मुस्लिम लड़की की बाल विवाह के ख़िलाफ़ दर्ज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति पहले भारत का नागरिक है, उसके बाद ही उसका धर्म आता है. इसलिए बाल विवाह निषेध क़ानून सभी धर्मों पर लागू होता है.
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने हाल ही में झारखंड में बांग्लादेश घुसपैठ और आदिवासी आबादी घटने के आरोप लगाए हैं. इस पर झारखंड जनाधिकार महासभा ने आंकड़े जारी कर भाजपा के दावों को तथ्यों से परे बताया है.
सफाई कर्मचारी आंदोलन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह महीनों में 43 मैनुअल स्कैवेंजरों की मौत हुई है. संगठन के राष्ट्रीय संयोजक बेजवाड़ा विल्सन ने
उनके लिए बजट में आवंटित धनराशि को 'बहुत कम' बताते हुए कहा कि सफाईकर्मियों की भलाई सरकार की प्राथमिकता में नहीं है.
विकास सेक्टर में ज़मीनी कार्यकर्ताओं की भूमिका बेहद अहम है लेकिन उनकी चुनौतियों पर अक्सर कम ही बात होती है. यहां हम समझने की कोशिश करेंगे कि विकास सेक्टर में काम करने वाले इन ज़मीनी कार्यकर्ताओं की प्रभावशीलता और क्षमताओं को सामने लाने के लिए क्या किया जा सकता है?
झाल मूढ़ी बंगाल की खाद्य संस्कृति का एक प्रतीक है. बीते दशकों में मूढ़ी के उत्पादन और खपत दोनों में बढ़ोत्तरी हुई. लेकिन क्या इसके उत्पादकों की तरक्की हुई है? बंगनामा स्तंभ की छठी क़िस्त.
मोदी सरकार द्वारा विकास के तमाम दावों के बीच विश्व में सबसे ज्यादा 19.5 करोड़ कुपोषित लोग भारत में रहते है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के आधे से अधिक लोग (79 करोड़) अभी भी 'स्वस्थ आहार' का ख़र्च उठाने में असमर्थ हैं, जबकि 53 फीसदी महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं.
पंजाब के तीन दर्जन से अधिक जन लोकतांत्रिक संगठनों ने 21 जुलाई को जालंधर में एक संयुक्त सम्मेलन करते हुए नए आपराधिक क़ानूनों को लागू करने, दिल्ली के एलजी द्वारा अरुंधति रॉय और प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन पर यूएपीए के तहत मुक़दमा चलाने को मंज़ूरी का विरोध जताया.
बीते 21 जुलाई को मुज़फ़्फ़रनगर में हरिद्वार के रास्ते में स्थित श्री लक्ष्मी फ़ूड प्लाज़ा में कांवड़ियों की भीड़ ने एक कार में तोड़फोड़ की और उसके ड्राइवर की पिटाई की. पुलिस ने 10-15 अज्ञात कांवड़ियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करते हुए बताया है कि उन्होंने अकारण हमला किया था.