मामला दक्षिण पूर्व दिल्ली का है, जहां एक कश्मीरी महिला ने आरोप लगाया है कि उनकी ग़ैर-मौजूदगी में मकान मालकिन ने घर में घुसकर फर्नीचर हटाया, पैसे और सामान चोरी किया. साथ ही पुलिसकर्मी की मौजूदगी में उनके साथ अभद्रता की गई. मामले में दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी किया है.
भानु अथैया ने पांच दशक के अपने लंबे करिअर में 100 से अधिक फिल्मों के लिए बतौर कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर अपना योगदान दिया था. उन्हें गुलज़ार की फिल्म ‘लेकिन’ और आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘लगान’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका था.
तनिष्क़ के एकत्वम श्रेणी के ज्वेलरी के विज्ञापन में दिखाया गया था कि एक मुस्लिम परिवार अपनी हिंदू बहू के लिए पारंपरिक हिंदू गोदभराई की रस्म की तैयारियां कर रहा है. विज्ञापन आने के बाद ट्विटर पर कुछ लोग इसे लव जिहाद बताते हुए #BoycottTanishq ट्रेंड कराने लगे, जिसके बाद तनिष्क़ ने इस विज्ञापन का हटा लिया है.
जो लोग ये कहते हैं कि अगर निर्दोष होगा तो अपने आप बाहर आ जाएगा, उनको मैं कह दूं, क्यों न आपको साल भर के लिए जेल में बंद कर दिया जाए? क्यों न देश के हर नागरिक को 18 साल का होते ही साल भर के लिए जेल में बंद कर दिया जाए. हम सब निर्दोष हैं, बाहर आ ही जाएंगे
घटना ललितपुर के एक गांव में हुई, जहां पीड़ित वृद्ध ने उनके बेटे पर हमला करने के आरोप में एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई थी. उनका कहना है कि इसे वापस लेने का दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया. वहीं तमिलनाडु में भी मामूली विवाद में एक दलित व्यक्ति का उत्पीड़न करने का मामला सामने आया है.
भारतीय समाज में आप भले ही जाति को मौजूद न जानें, लेकिन जाति सबको जानती है.
संयुक्त राष्ट्र के एक संवाददाता सम्मेलन में दासता के ख़िलाफ़ काम करने वाले संगठन ‘वॉक फ्री’ की सह संस्थापक ग्रेस फ्रोरेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के साथ किए गए सर्वे से यह निष्कर्ष निकला है कि 130 महिलाओं और लड़कियों में से एक आधुनिक दासता की शिकार है.
मामला तमिलनाडु के कडलूर ज़िले का है. पिछले साल दिसंबर में पंचायत प्रधान चुनी गईं दलित एस. राजेश्वरी कई बैठकों में उसी पंचायत के उप-प्रधान ने ज़मीन पर बैठने को मजबूर किया. आरोप है कि कई अवसरों पर महिला प्रधान को झंडा भी नहीं फ़हराने दिया गया.
जिन हालातों में हाथरस की बेटी की मौत हुई और उसके बाद जिस तरह बर्ताव उसके शव के साथ किया गया, उसको देखते हुए क्या उसको न्याय मिल सकता है?
कोरोना महामारी से बचने के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान विभिन्न सेवाओं के साथ स्वास्थ्य सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई थीं, लेकिन जानकारों का मानना है कि अगर राज्य सरकारें चाहतीं, तो इन सेवाओं में हुई गिरावट को रोका जा सकता था.
डॉ. पायल तड़वी की आत्महत्या मामले में आरोपी तीन डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी पढ़ाई पूरी करने की अनुमति मांगते हुए याचिका दायर की थी. अदालत ने कड़ी शर्तों पर उन्हें इसकी अनुमति दी. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने उनकी याचिका का विरोध किया था.
वीडियो: साहित्यकार प्रेमंचद ने हिंदी साहित्य को ज़मीन पर पांव टिकाना सिखाया और कड़वी ज़मीनी सच्चाई से रूबरू करवाया. 1918 से 1936 के कालखंड को 'प्रेमचंद युग’ कहा जाता है लेकिन यदि उनके समय और आज के समाज की समानताएं देखी जाएं तो लगता है कि प्रेमचंद युग अभी समाप्त ही नहीं हुआ है.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में प्रसारण दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले कार्यक्रम और टैगलाइन्स दिखाने को लेकर आज तक समेत ज़ी न्यूज़ और न्यूज़ 24 को माफ़ी मांगने को कहा है.
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि दिल्ली दंगा मामले में गवाही देने वाले 15 सार्वजनिक गवाहों ने जान को ख़तरा बताया है, जिसके चलते छद्मनामों का इस्तेमाल कर उनकी पहचान गुप्त रखी गई है. पिछले दिनों दायर पुलिस की 17,000 पन्नों की चार्जशीट में इन सभी के नाम-पते सहित पूरी पहचान ज़ाहिर कर दी गई है.
भाजपा फिल्म उद्योग पर अपनी पकड़ बनाना चाहती है, ऐसी कोशिशें इससे पहले भी कई सरकारों द्वारा की जा चुकी हैं.