ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार से तलाक़शुदा महिलाओं के लिए वक़्फ़ की ज़मीनों पर संरक्षण गृह खोलकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की मांग की है.
शहर की भीड़ हर रोज़ और बढ़ रही है. गांव को अपने भीतर लील रही है. इंसान का ही रहना यहां मुहाल है. गाय को बचाने का तो बस बवाल है.
बीते दिनों ग्रेटर नोएडा में नाइजीरियाई छात्रों पर हुए हमले की अफ्रीकी छात्रों के संगठन एसोसिएशन आॅफ अफ्रीकन स्टूडेंट्स इन इंडिया (एएएसआई) ने कड़ी निंदा की.
इतिहासकार सुधीर चंद्र ने अपनी किताब ‘गांधी: एक असंभव संभावना ‘में गांधी के विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला है.
अलवर में विहिप और बजरंग दल से जुड़े लोगों ने गाय ले जाने वालों पर हमला कर दिया. गाय ख़रीदे जाने के दस्तावेज़ दिखाने के बाद भी बुरी तरह पीटा.
जन गण मन की बात की 28वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ अफ्रीकी छात्रों पर हमले और भारतीय युवाओं की सोच पर किए गए एक सर्वे की चर्चा कर रहे हैं.
रामकथा का रिश्ता लोकमानस से है, उसके सुख-दुःख, आस-निरास से है. ऐसे में ‘रामकथा क्या है’ जैसे प्रश्न का उत्तर किताबों से ज्यादा लोक व्यवहारों में खोजा जाना चाहिए.
मुस्लिम मजलिस की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल में भी वही दूषित, संकीर्ण और कठमुल्लई मनोवृत्ति है, और वह एक लौकिक भारतीय समाज और खरी राष्ट्रीयता के विकास में बाधक होगी.
जन की बात की 27वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ आधार कार्ड और दिल्ली के सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल रीगल के बंद होने और पर चर्चा कर रहे हैं.
दूरदर्शन का यह धारावाहिक बेहद सहज तरीके से सेक्स एजुकेशन, बच्चों में अंतर रखने और घरेलू हिंसा जैसे विषयों पर जानकारी दे रहा है. इसे अब तक 40 करोड़ से ज़्यादा दर्शकों ने देखा है.
गोरक्षा के गर्माए माहौल के बीच सरकार बछड़ों की संख्या रोककर बढ़ाएगी बछियों की संख्या.
भारतीय परंपरा और लड़कियों की सुरक्षा की ओट में पुरानी पीढ़ी का आधुनिकता विरोध एक ऐसे सांस्कृतिक साम्राज्यवाद को मज़बूती दे रहा है जो आगे जाकर भारतीय सभ्यता से समन्वयवाद का पूरा सफाया करने में संकोच नहीं करेगा.
रूढ़िवादी ताक़तों के उभार के कारण बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों की मेल-जोल वाली संगीत जैसी सांस्कृतिक परंपराएं ख़तरे में आ गई हैं.
चंद्रशेखर ने कहा था, ‘हां, मेरी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा है- भगत सिंह की तरह जीवन, चे ग्वेरा की तरह मौत.’ उनके दोस्त कहते हैं कि चंदू ने अपना वायदा पूरा किया.
नोटबंदी पर बनी एक बंगाली फिल्म की रिलीज़ पर सीबीएफसी के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने रोक लगा दी है. इस फिल्म को मंज़ूरी देने के लिए सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष को भेजा गया है.