ब्लू कॉलर नौकरियों में शारीरिक श्रम या कौशल वाले रोजगार शुमार होते हैं- जैसे कि कंडक्टर, मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मजदूर आदि. वर्कइंडिया की रिपोर्ट बताती है कि ऐसी 57.63 प्रतिशत से अधिक नौकरियां 20,000 या उससे कम वेतन सीमा में आती हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाया है कि सरकारी अस्पताल में इतना हिंसक अपराध कैसे हो सकता है. यही सवाल प्रदर्शनकारी उनसे पूछ रहे हैं, क्योंकि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री के दोनों ही पद वह स्वयं संभालती हैं.
राजस्थान के उदयपुर में 10वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने सहपाठी पर चाकुओं से हमला कर दिया था, जिसके बाद शहर में सांप्रदायिक तनाव भड़क गया था. अब शहर नगर निगम ने 15 वर्षीय आरोपी के उस घर को बुलडोजर से गिरा दिया है, जिसमें वह किराए से रहता था.
मुंबई के पवई इलाके में स्थित जय भीम नगर बस्ती को जून महीने में गिरा दिया गया था. कोलकाता में हुई यौन हिंसा की घटना को लेकर क्षेत्र के हीरानंदानी गार्डन में हो रहे विरोध प्रदर्शन में फुटपाथ पर रहने को मजबूर हुई बस्ती की महिलाएं भी पहुंची थीं, लेकिन उन्हें हिस्सा नहीं लेने दिया गया.
दिल्ली स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को भारतीय न्यायशास्त्र पर केंद्रित एलएलबी कार्यक्रम शुरू करने की अनुमति मिली है, जिसके पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के चुनिंदा हिस्से को पढ़ाया जाएगा.
बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद बंगाल में आक्रोश है. 15 अगस्त की आधी रात को कुछ लोगों ने अस्पताल में धावा बोला और तोड़फोड़ की है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानवाधिकारों की चिंताजनक स्थिति पर एक हालिया रिपोर्ट कहती है कि सुरक्षा बलों के शिविरों को सरकार माओवादी आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए ज़रूरी बताती है, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि शिविरों से उन्हें अधिक असुरक्षा महसूस होती है.
भारत सरकार के विद्युत निर्यात नियमों के तहत अडानी पावर का झारखंड स्थित गोड्डा संयंत्र अपना समस्त उत्पादन बांग्लादेश को बेचने के लिए अनुबंधित था, लेकिन अब वह घरेलू बाजार में आपूर्ति कर सकेगा. गौरतलब है कि यह संशोधन बांग्लादेश में व्याप्त अस्थिरता के बीच हुआ है.
आबादी के विभिन्न समूहों की आय के पैटर्न पर किए गए एक अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि दलितों को समाज में दोष और लांछन का सामना करना पड़ता है जो अन्य वंचित समुदायों जैसे कि ओबीसी, आदिवासी या मुसलमानों द्वारा सामना किए जाने वाले व्यवहार से अलग है.
कुछ मेहरबान तर्क दे रहे हैं कि वर्गीकरण से दलित एकता कमज़ोर होगी. दलितों में फूट पड़ जाएगी. इसका मतलब यह हुआ कि महादलित वाल्मीकि/मज़हबी, मुसहर, मादिगा जैसे दलित समुदाय एकता के नाम पर कभी यह सवाल न करें कि वे आगे की पंक्ति में क्यों नहीं हैं.
ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया और उसकी पहल डेवलपमेंट इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा संयुक्त रूप से किए गए सर्वेक्षण का प्रमुख निष्कर्ष मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है, जिससे पता चलता है कि चिंता या एंग्जायटी अब केवल 'शहरी' लोगों की समस्या नहीं रह गई है.
रोज़ी रोटी अधिकार अभियान ने खाद्यान्न पाने के लिए राशन कार्डधारकों के ई-केवाईसी सत्यापन को रोकने की मांग करते हुए कहा कि एनएफएसए से बाहर रखे गए लोगों को राशन कार्ड जारी करने के बजाय सरकार की ऊर्जा मौजूदा कार्डधारकों के लिए और बाधाएं पैदा करने पर ख़र्च हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दलित-आदिवासी संस्कृति और परंपराओं पर प्रश्नचिह्न लगाया है, साथ ही यह महत्वपूर्ण प्रश्न भी प्रस्तुत कर दिया हैं कि आरक्षण के प्रावधान के बावजूद जो जातियां और वर्ग अब तक पिछड़े हैं, उनकी उन्नति का उत्तरदायित्व कौन लेगा?
शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि समलैंगिक लोगों, ट्रांसजेंडरों और महिला सेक्स वर्कर्स को रक्तदान से रोकने का दिशानिर्देश संविधान द्वारा निहित समानता और गरिमा के साथ जीने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
बीते 16 जुलाई को बेंगलुरु के एक मॉल में धोती पहने किसान को प्रवेश से रोक दिया गया था. अब बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने दिशानिर्देश तय किए हैं कि कोई मॉल, वाणिज्यिक परिसर आदि पारंपरिक पहनावे, भाषा, जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा अन्यथा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी.